भोपालमध्य प्रदेश

स्वच्छ सर्वेक्षण-2021: भोपाल ने लगाई छलांग, देश का 7वां सबसे स्वच्छ शहर बना

मप्र के इंदौर शहर की साफ-सफाई का डंका एक बार फिर से पूरे देश में बजा है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में भोपाल देश का 7वां सबसे साफ-सुथरा शहर चुना गया है। राजधानी को 6000 में से 4783.53 अंक मिले हैं। वहीं, बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल का खिताब भी मिला है। इसके अलावा सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में भोपाल तीसरे नंबर पर रहा। इसमें निगम को 3 करोड़ रुपए मिलेंगे।10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मप्र के टॉप-20 शहरों में चार महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर शामिल हैं।

भोपाल ने 7वीं रैंक की हासिल

राजधानी भोपाल ने 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। 2019 में भोपाल फिसलकर 19वें नंबर पर आ गया था। वहीं साल 2020 में कमबैक करते हुए 12 पायदान ऊपर आया और 7वीं रैंक हासिल की है। इंदौर पिछले 5 साल से नंबर-1 पर आ रहा है, लेकिन राजधानी भोपाल अब तक एक बार भी यह स्थान हासिल नहीं कर पाई है। 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक जरूर हासिल की थी, लेकिन फिर काफी पिछड़ गया था।

7 हजार सफाईकर्मी की मेहनत रंग लाई

सफाई के मामले में पिछले एक साल से भोपाल निगम ने कई चुनौतियों से भी पार पाया। कचरा कनेक्शन मैनेजमेंट, कबाड़ से जुगाड़, जीरो वेस्ट कॉलोनी समेत कई नवाचार भी किए गए। वहीं निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी लगातार निगरानी करते रहे। वहीं, अपर आयुक्त एमपी सिंह भी जुटे रहे। इसके अलावा करीब 7 हजार सफाईकर्मी दिन-रात सफाई व्यवस्था में जुटे रहे। यही वजह रही कि भोपाल लगातार दूसरे साल 7वें नंबर पर रहा।

ISBT परिसर में जुगाड़ से बनाया राजा भोज का सबसे बड़ा लोगो।

इन कामों से भोपाल हासिल की रैंकिंग

  • भोपाल निगम ने कबाड़ से जुगाड़ करके आईएसबीटी की फ्रंटवॉल पर 1500 किलो कबाड़ से राजा भोज का देश का सबसे बड़ा लोगो बनाया। प्लास्टिक की बॉटल्स को काटकर फूलों का आकार दिया और बैकग्राउंड तैयार किया।
  • भानपुर खंती से कचरा खत्म कर दिया। वहीं, आदमपुर छावनी में पांच एकड़ में लैंडफिल साइट का निर्माण किया गया। आदमपुर छावनी में क्रिकेट भी खेला।
  • राजधानी के 42 नालों की विशेष सफाई की गई। 27 फरवरी को विजय मार्केट के एक नाले में कई फीट भरी गंदगी साफ कर उसमें बैटमिंटन खेला गया था।
  • शहर के प्रत्येक जोन में 4-4 पार्कों का सौंदर्यीकरण किया गया। इस प्रकार से करीब 76 पार्क संवारे गए हैं।
  • शहर की सफाई में सबसे अहम रोल डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का है। हर घर पर कचरा गाड़ी पहुंचती है वहीं पांच नए कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं।
  • शहरवासियों को जागरूक करने के लिए जुगाड़ से गिटार, पॉलीथिन राक्षस के पुतले का निर्माण किया। पॉलीथिन राक्षस को शहर में घूमाया और लोगों को पॉलीथिन का उपयोग न करने की समझाइश दी गई।
  • शहर में गणेशोत्सव और दुर्गोत्सव की झांकियों में उपयोग होने वाले फूलों और पूजन सामग्री को इकट्‌ठा कर खाद तैयार की जा रही है। पिछले साल इससे अगरबत्ती बनाई गई थी।
  • कई कॉलोनियों में सूखे कचरे को अलग कर बेचा जा रहा है। वहीं, गीले-सूखे कचरे से खाद बनाकर पार्कों में इस्तेमाल की जा रही है।

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