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प्रदेश में 90 फीसदी रेत खदानें लीज पर फिर भी नहीं थम रहा अवैध उत्खनन

1 साल में 6 हजार से अधिक मामले दर्ज , ग्वालियर-सीहोर आगे

अशोक गौतम-भोपाल। प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण के एक साल के अंदर 6 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। इस मामले में ग्वालियर और सीहोर जिला सबसे आगे हैं। इन दोनों जिलों में इस साल करीब 600 मामले दर्ज हुए हैं। यह मामले तब दर्ज हुए हैं जब 90 फीसदी जिला रेत खदान समूहों की नीलामी कर दी गई है। प्रदेश में करीब 47 जिलों में 1,400 रेत खदानें हैं। इसमें भिंड, उज्जैन, रतलाम, टीकमगढ़ में रेत खदानों की अभी तक नीलामी नहीं हो पाई है। जबकि शेष जिलों में हो चुकी है। वहीं सीधी जिला रेत समूह (18 खदानें) में रेत की नीलामी एक बार हो चुकी है। यहां पर महान एनर्जी कंपनी ने 30 जून को घाटा होने का कारण बताकर खदान सरेंडर कर दी थी। इसके बाद इस खदान की दोबारा नीलामी हुई तो सहकार ग्लोबल लिमिटेड को यह खदानें मिलीं।

सीधी में रेत खदान समूह से हर वर्ष 7 करोड़ की हानि

सीधी जिला रेत खदान समूह से सरकार को प्रति वर्ष सात करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। सरकार ने पूर्व में जिस ठेकेदार को रेत खदान समूह दिया था उससे करीब सात करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था। बताया जाता है कि सीधी जिला रेत समूह की नीलामी इस समूह की दोबारा नीलामी 84 करोड़ रुपए में सहकार ग्लोबल लि. को मिली। रेत खदान समूह लेने के बाद कंपनी ने इस बात को लेकर प्रीमियम राशि जमा करने से मना कर दिया कि सरकार ने 16 लाख घन मीटर रेत के टेंडर स्वीकृति हुआ है, लेकिन 12 लाख घन मीटर माइनिंग प्लान में है। इसका मतलब यह है कि खदानों में रेत की मात्रा कम है। इस बात को लेकर सहकार ग्लोबल ग्रुप कोर्ट चला गया। कोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया कि कंपनी करीब 24 करोड़ रुपए जमा करे। वहीं सरकार से भी इस संबंध में जवाब मांगा है।

सीहोर में उत्खनन के हाल

सीहोर में बुदनी-भेरूंदा क्षेत्र में नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन जारी है। माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि प्रतिबंधित खदानों से भी वह खनन कर रहे हैं। इतना ही नहीं नर्मदा की धारा रोककर बीच नदी में लीड बनाकर पोकलेन मशीनों से सैकड़ों डंपर रेत का खनन किया जा रहा है।

ये है रेत का खेल

प्रदेश में अवैध उत्खनन और परिवहन के आंकड़े सामने आने के बाद सवाल उठते हैं कि जब पूरी खदानें ठेकेदारों को आवंटित हो गईं तो अवैध उत्खनन और परिवहन कैसे किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार रॉयल्टी बचाने के लिए रेत खदान समूह के ठेकेदार ही इस तरह के खेलों में शामिल हैं। इस मामले में खनिज विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

सोन नदी पर प्रतिबंध फिर भी हो रहा उत्खनन

सीधी में सोन, गोपद और बनास नदी से रेत का अवैध उत्खनन जारी है। हालांकि सोन घड़ियाल परियोजना के चलते सोन नदी से रेत निकालना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस नदी से रेत निकालने के लिए ठेके भी जारी नहीं होते हैं। इसके बाद भी सीधी में दो दिन पहले 32 ट्रक रेत से भरे पकड़े गए । इस मामले में वहां के माइनिंग अफसर अशोक राय का कहना कि रेत के उत्खनन सीधी में नहीं हुए हैं। ये ट्रक दूसरे जिलों से रेत भर कर ले जा रहे थे।

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