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बिजुरी नगर पालिका में भ्रष्टाचार ; ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन पेमेंट कर अध्यक्ष, CEO ने लगाया 7 करोड़ का चूना

भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच में दोषी मिले नेता, अधिकारी और कर्मचारी

भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगर पालिका बिजुरी में हुए 7 करोड़ रुपए से अधिक के भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई की है। यह भ्रष्टाचार खरीदी में हुआ था। विभाग ने इस मामले में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ सहित एक दर्जन कर्मचारियों के विरुद्ध लोकायुक्त में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया है।

तीन सदस्यीय टीम से करवाई जांच

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने बिजुरी नगर पालिका में भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर संयुक्त संचालक को जांच के बाद प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। शिकायत के बाद इस मामले में तीन सदस्यीय दल ने जांच की थी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर के आदेश हुए हैं।

आदेश में नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह, सीएमओ मीना कोरी, उपयंत्री नीलेश सिंह, वंदना अवस्थी, मुख्य लिपिक शिव नरेश धनवार, सहायक राजस्व निरीक्षक प्रदीप द्विवेदी, भंडार प्रभारी राम बिहारी मिश्रा, मस्टर रोल कर्मचारी संजय महतो, विनोद पाण्डेय, विनोद सोंधिया, लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री एनपी सिंह तथा सर्व शिक्षा अभियान के उपयंत्री रविंद्र यादव के नाम शामिल हैं।

कोई सस्पेंड तो किसी की सेवा समाप्त

मामले में वंदना अवस्थी, शिव नरेश धनवार,राम बिहारी मिश्रा और प्रदीप द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया है। रविंद्र यादव की सेवाएं पहले ही समाप्त कर दी गई थीं। एमपी सिंह पर कार्रवाई के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया है। प्रतिवेदन के अनुसार ई-नगर पालिका के माध्यम से होने वाले भुगतान को अध्यक्ष और सीएमओ ने मिलकर ऑफलाइन भुगतान कर दिया था।

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