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60 दिन में 6 चीतों की मौत ने बढ़ाई सरकार की टेंशन, NTCA ने डॉ राजेश गोपाल की अध्यक्षता में बनाई 11 सदस्सीय स्टेयरिंग कमेटी, 4 विदेशी एक्सपर्ट्स का कंसल्टिंग पैनल भी गठित

 भोपाल/दिल्ली/श्योपुर।  70 साल बाद भारत की जमीं पर जन्मे चीते के दो और शावकों की आज हुई मौत ने केंद्र सरकार के माथे पर बल ला दिए हैं। एक शावक पहले ही दम तोड़ चुका है। इन तीनों को मिलाकर विगत 60 दिनों में कुल 6 चीतों की मौत कूनो पालपुर पार्क में हुई है। आज चीता शावकों की मौत के बाद आखिरकार केंद्र सरकार और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी(एनटीसीए) की नींद टूटी है। इसके बाद एनटीसीए ने  11 सदस्सीय स्टीयरिंग कमेटी बना दी है। जानकारी के अनुसार अब इसी स्टचेयरिंग कमेटी के सुझाव पर ही चीता पुनर्वास कार्यक्रम से जुड़े तमाम अहम फैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही चार सदस्सीय विदेशी एक्सपर्ट का पैनल भी एनटीसीए ने बनाया है।

फाइल फोटो

डॉ गोपाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी में ये मेंबर शामिल

इस कमेटी का चेयरमेन डॉ राजेश गोपाल को बनाया गया है। वे फिलहाल ग्लोबल टाइगर फोरम नई दिल्ली के महासचिव हैं। इनके अलावा आर एन महरोत्रा, पीआर सिन्हा, डॉ एचएस नेगी, डॉ पीके मलिक, जीएस रावत, मित्तल पटेल, प्रो. कमर कुरैशी और शुभरंजन सेन को कमेटी का मेंबर बनाया गया है। मध्यप्रदेश के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ और एनटीसीए के आईजी भी इस कमेटी के मेंबर होंगे। इसके साथ ही चार सदस्सीय विदेशी एक्सपर्ट्स की कमेटी भी एनटीसीए ने गठित की है, जो इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी करेगी।  इनमें प्रो. एड्रियन टॉर्डिफ (साउथ अफ्रीका), डॉ लॉरी मार्कर (नामीबिया), डॉ एंड्रयू ज़ॉन फ्रेजर (साउथ अफ्रीका) और विंसेंट वेन डेन मर्व (साउथ अफ्रीका)शामिल हैं।

इस कमेटी को रहेंगे ये अधिकार

  • चीता प्रोजेक्ट का समय समय पर रिव्यू और एमपी सरकार एवं एनटीसीए को सलाह देना
  • चीता के बसाहट वाले क्षेत्र को पर्यटकों का लोगों के लिए खोलने के संबंध में रेगुलेशन्स के अनुसार विचार करना
  • चीता प्रोजेक्ट से जुड़ी तमाम गतिविधियों में लोगों और समाज के जुड़ाव को लेकर सलाह देना
  • हर माह कम से कम एक बैठक अनिवार्य रूप से करना और जरूरत होने पर कूनो का दौरा करना
  • कमेटी को अधिकार है कि वे किसी भी एक्सपर्ट को आवश्यकता होने पर सलाह के लिए बुला सकते हैं

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