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5 स्टूडेंट्स ने 6 मिनट की परफॉर्मेंस में 4 लोक नृत्यों से दिखाई राजस्थान की सांस्कृतिक झलक

क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में कला उत्सव में लोक नृत्य, पेंटिंग, नाटक, स्टोरी टेलिंग व संगीत की प्रस्तुति

राजस्थान का पूरा कल्चर केवल 6 मिनट में 5 स्टूडेंट्स ने एक नृत्य के अंदर दिखा दिया, जिस पर लोगों की तालियां नहीं रूकीं। मौका था, शनिवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान और पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान में आयोजित कला उत्सव के दूसरे दिन का। जहां राजस्थान से आए स्टूडेंट्स ने ‘लुक छुप न जाओ जी…’ पर कठपुतली नृत्य से लोगों को मोहित कर दिया। वहीं, 13 ताली, कालबेलिया और कच्छी घोड़ी नृत्य से राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश की। नृत्य विधा में अरुणाचल प्रदेश का पोपीर, असम का बिहू, छत्तीसगढ़ का मांदरी, मप्र का नौरता तथा ओडिशा, बिहार, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय के लोक नृत्यों के साथ भरतनाट्यम और कथक जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुतियां हुईं। इस दौरान कलाकारों ने रंग-बिरंगे परिधानों मेें दर्शकों को पूरे समय बांधकर रखा।

गोवा के स्टूडेंट्स ने ड्रामा में दिखाया ‘विकसित भारत’

थिएटर प्रतियोगिता में गोवा की टीम ने विकसित भारत पर ड्रामा किया। हरियाणा ने थॉमस अल्वा एडिशन के ऊपर अपनी प्रस्तुति दी। झारखंड, गुजरात, मेघालय सहित करीब 15 स्टेट ने भी नाट्य प्रस्तुति दी। संगीत, गायन और वादन की विधा में प्रतिभागियों ने हिंदुस्तानी संगीत और कर्नाटक संगीत के साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों एवं संस्कृतियों के लोक संगीत एवं लोक वाद्यों की प्रस्तुतियों से निर्णायक मंडल के सामने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की। साथ ही स्टोरी टेलिंग में सिक्किम के स्टूडेंट्स ने द्रौपदी चीरहरण की कथा सुनाई। अन्य राज्यों के प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।

स्कल्पचर में बनाई रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा

हरियाणा के जतिन सैनी ने रानी लक्ष्मी बाई का स्कल्पचर तैयार किया, जो देखते ही बनता है। इसमें वो मैटेलिक कलर से रंग भरेंगे। इसमें रानी लक्ष्मीबाई पीठ पर अपने बच्चे को लेकर घोड़े पर बैठी नजर आ रहीं हैं। प्रतियोगिता के मुताबिक, उन्हें इसे तैयार करने के लिए तीन दिन दिए गए हैं। वहीं, पेंटिंग में ओडिशा की ऊषी सेहा भगवान जगन्नाथ की पेंटिंग बनाई है। ऊषी ने बताया कि एक्रेलिक कलर से ओडिशा के मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ की पेंटिंग को तैयार की है। वहीं, जम्मू की शिवांशी ठाकुर ने ‘विकसित भारत’ थीम पर पेंटिंग को तैयार की। पूरे दिन बच्चों ने चित्रकारी, मूर्तिकला और खिलौना निर्माण में अपनेअ पने राज्यों के लोक-कला रूपों को बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित किया। इस दौरान निर्णायक मंडल में शामिल प्रख्यात कलाकारों ने उनकी पेंटिंग और मूर्तियों का अवलोकन किया।

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