Mithilesh Yadav
16 Sep 2025
शहर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से संबद्ध लगभग 50 स्कूल हैं। यहां हर साल ट्रांसफर के केसेस आने के कारण स्कूल में एडमिशन की समस्या होती है। इस मुद्दे को लेकर सीबीएसई ने पैरेंट्स को राहत दी है। अब स्कूल में हर सेक्शन में ट्रांसफर होकर आने वाले बच्चों के लिए 5 सीटें रिजर्व रहेंगी। सीबीएसई ने अपनी गाइडलाइन में परिवर्तन करते हुए इस सत्र से हर सेक्शन की सीट संख्या 40 से बढ़ाकर 45 कर दी है। 5 सीट ट्रांसफर केस में एडमिशन पाने वाले बच्चों के लिए रिजर्व रहेंगी। हालांकि स्कूलों को पूर्व निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार 40-40 सीटों पर ही एडमिशन देना होगा। इसके लिए स्कूलों को संबंधित रीजनल ऑफिस में आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा।
सीबीएसई की ओर से जारी नोटिफिकेशन में यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि कोई स्कूल तय नियमों के आधार पर सेक्शन घटाना या बढ़ाना चाहता है तो उसे एसएआरएएस (सरस पोर्टल) पर 30 जून तक आवेदन करना होगा। इस गाइडलाइन को लेकर आने वाले समय में और भी जानकारी सामने आएंगी।
कई बार मिड सेशन में ट्रांसफर के केस अलग-अलग स्कूलों के पास आते हैं, ऐसे में सीट फुल होने के कारण एडमिशन नहीं मिल पाता है। पैरेंट्स बच्चों का साल बचाने के लिए किसी भी स्कूल में एडमिशन करा देते हैं। इससे उनका पढ़ाई में नुकसान होता है। स्टूडेंट्स को इस असुविधा से बचाने के लिए बोर्ड ने अपने नियमों में बदलाव किया है।
शहर में करीब 50 सीबीएसई स्कूल हैं। हर स्कूल में जुलाई के बाद दो से तीन केस एडमिशन के लिए पहुंचते हैं। सीट रहने पर उन्हें एडमिशन मिल पाता था। बोर्ड ने इस बदलाव से संबंधित जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी है, जिसमें अन्य नियमों का उल्लेख किया गया है।
स्कूलों के लिए 31 जुलाई तक ट्रांसफर केस लेने का प्रावधान है। इसके बाद किसी बच्चे का ट्रांसफर केस पहुंचता है तो पैरेंट्स को अपने ट्रांसफर के डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे, जिन्हें स्कूलों को बोर्ड के पास स्कैन कर मेल करना होगा। अनुमति मिलने के बाद ही एडमिशन दिया जाएगा। आर्म्ड फोर्स और शासकीय कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधा रहेगी। रिजर्व सीटों की जानकारी हर साल स्कूलों को बोर्ड तक पहुंचानी होगी, जिससे नियम में पारदर्शिता बनी रहे। -शैलेश झोपे, प्रिंसिपल, आनंद विहार स्कूल