Manisha Dhanwani
12 Sep 2025
Mithilesh Yadav
11 Sep 2025
नई दिल्ली। दुनिया भर में हर वर्ष 1.53 लाख से अधिक मौतें भीषण गर्मी या लू के कारण होती हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 20 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। यह आंकड़ा 30 हजार से ज्यादा है। एक अध्ययन से यह जानकारी मिली। पिछले 30 साल से अधिक के आंकड़ों के आधार पर यह अध्ययन किया गया। भारत के बाद चीन और रूस का स्थान है, जिनमें से प्रत्येक में क्रमश: लगभग 14 फीसदी और आठ फीसदी मौतें भीषण गर्मी से जुड़ी होती हैं। मोनाश विवि, ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में पाया गया कि लू से जुड़ी मौतें गर्मी से सभी मौतों का एक तिहाई हैं।
आधी मौतें एशिया में : हर साल गर्मियों में होने वाली कुल 1.53 लाख अतिरिक्त मौतों में से लगभग आधी एशिया में और 30 प्रतिशत से अधिक यूरोप में होती हैं। अध्ययन पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। वहीं अफ्रीका की बात करें तो वहां एक्स्ट्रीम वेदर के कारण पिछले साल 15,700 मौतें हुई थीं।