
विजय एस. गौर-भोपाल। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मप्र के 30 रणनीतिकार बीते चार महीने से रात दिन जुटे हैं। ये नेता चुनिदा 30 विधानसभाओं की गली-गली घूम रहे हैं। इसी के साथ अब प्रदेश के ऐसे सांसदों को भी उतारा गया है, जिनसे जातीय, भाषाई और क्षेत्रीय संबंध स्थापित होता हो। वहीं बाकी 40 विधानसभाओं में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान की टीमें लगाई गई हैं।
सितंबर में हो गई थी रवानगी : भाजपा प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ.राघवेंद्र शर्मा के अनुसार अगस्त 2024 में ही केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर मध्यप्रदेश भाजपा ने 30 ऐसे पदाधिकारियों के नाम फाइनल कर लिए थे, जो कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भाजपा में विस्तारक या दूसरी जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। इनकी रवानगी अगस्त-सितंबर में ही हो गई थी।
सांसदों को सौंपी गई जिम्मेदारी : मप्र के सांसदों को भी दिल्ली के चुनावी मैदान में जातीय और भाषाई गणित के हिसाब से जिम्मेदारी दी गई है। इसमें जातीय और सामाजिक संगठनों के साथ सांसदों ने बैठकें करने के साथ संपर्क के दो चरण पूरे कर लिए हैं।
कैंपेन में ये शामिल : इन नेताओं ने विधानसभावार बैठकों से लेकर गलियों से लेकर छोटी-छोटी दुकानों आदि पर बैठने के साथ ही डोर-टू-डोर कैंपेन में चलाया है। इनमें सूरज केरो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा, चंद्रशेखर रघुवंशी संयोजक स्वच्छ भारत अभियान, जितेंद्र पाटीदार, डॉ. दिनेश भार्गव, कोमल, तूफान सिंह मीना, बृजमोहन वसुदेव, आशुतोष शर्मा, अभिषेक आर्य आदि जुटे हैं।
फर्जी वोटरों का जाल बना जंजाल: रघुवंशी
दिल्ली में पांच महीने से केजरीवाल की विधानसभा में सक्रिय विस्तारक चंद्रशेखर रघुवंशी के अनुसार फर्जी वोटरों का मकड़जाल फैला हुआ है। जैसे 6 लोकसभा चुनाव में 1 करोड़ 30 लाख मतदाता थे, जो 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव से पहले 1 करोड़ 38 लाख से ज्यादा हो चुके हैं। चूंकि ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी ने 1,500 से 4,000 वोटों से जीत दर्ज की है, ऐसे में बढे हुए करीब 9 लाख वोटर्स की क्रॉस चेकिंग में गड़बड़ी पकड़ में आई है। केजरीवाल के क्षेत्र में एक कमरे के मकान में 4 वोटर्स थे, लेकिन सूची में 40 नाम और ज्यादा जोडे गए। ऐसे फर्जीवाड़ा का खुलासा करके नाम हटवाए गए।
डिमांड के अनुसार ही 30 विस्तारकों को दिल्ली भेजा है
आवश्यकता के अनुसार करीब 6 माह पूर्व डिमांड आई थी, जिसके अनुसार 30 विस्तारक गए हैं। इसके बाद विधानसभा के जमीनी आकलन के बाद सांसदों के बैकग्राउंड के आधार पर भेजा गया है। यह सभी मतदान के बाद ही अपने-अपने क्षेत्र से मुक्त हो पाएंगे। -भगवानदास सबनानी, महामंत्री, मप्र भाजपा