
प्रवीण श्रीवास्तव भोपाल। जहर का सेवन कर जीवन को खत्म करने के मामलों में करीब 21 फीसदी छात्र होते हैं। वहीं, जहर के रूप में सबसे ज्यादा खेती में काम आने वाले कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। यही नहीं, 92 फीसदी मामले ओरल पॉइजन लेने के आते हैं। यह चौंकाने वाले आंकड़े एम्स के पॉइजन इंफॉर्मेशन सेंटर की रिपोर्ट से सामने आए हैं।
दरअसल, एम्स भोपाल में 2020 में प्रदेश के पहले पॉइजन इंफॉर्मेशन सेंटर की शुरुआत की गई थी। सेंटर में मौजूद सॉफ्टवेयर में करीब दो लाख तरह के जहर के लक्षण और उसके एंटी डोज का ब्यौरा दर्ज है। जिस अस्पताल में जहर और उसके एंटी डोज की जानकारी नहीं होती है, वह सेंटर में कॉल कर उसके इलाज की जानकारी ले सकते हैं। पिछले चार साल में मध्यप्रदेश समेत देशभर से अब तक इस सेंटर पर 472 कॉल आ चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेंटर में कर्नाटक से सबसे ज्यादा 100 कॉल कर जहर और उसके इलाज की जानकारी ली गई।
कीटनाशक सबसे आम जहर आत्महत्या करने में
जहर के मामलों में खेती वाले कीटनाशकों का उपयोग 37.5 फीसदी होता है, जो सर्वाधिक है। मालूम हो कि मप्र में तैयार सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी में भी कीटनाशकों की बिक्री को प्रतिबंधित करने के निर्देश है। कीटनाशक के बाद 22% दवाओं के ओवरडोज, 20% मिश्रित दवा और करीब 9% मामले सफाई वाले केमिकल के होते हैं।
देशभर से 472 कॉल, कर्नाटक से सर्वाधिक
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेंटर में देशभर से कॉल आते हैं। इस दौरान कर्नाटक से सबसे ज्यादा 100 कॉल कर जहर और उसके इलाज की जानकारी ली गई। इसके बाद मप्र से 92, महाराष्ट्र से 55, केरल से 40, तेलंगाना से 38, दिल्ली से 26, तमिलनाडु से 20 सहित अन्य राज्यों से जानकारी मांगी गई। कुल मामलों की बात करें तो वर्ष 2022 में 201, 2021 में 158, 2020 में 68 और 2023 में अब तक 45 कॉल करने के मामले सामने आ चुके हैं।
ऐसे काम करता है पॉइजन इंफॉर्मेशन सेंटर
देश के किसी भी हिस्से में कोई जहर से पीड़ित व्यक्ति डॉक्टर के पास पहुंचता है। डॉक्टर उस जहर का पता नहीं लगा पाते, तो वह एम्स के इस सेंटर में कॉल करता है। यहां डॉक्टर बताएगा कि मरीज ने कौन-सा जहर खाया है और फिर एंटी डोज की जानकारी देगा। जहर की जानकारी न होने पर सेंटर मरीज के लक्षणों के आधार पर एंटी डोज बताएगा।
किसने लिया जहर
प्रकार मामले प्रतिशत
जानकारी नहीं 247 52.3
स्टूडेंट 99 20.97
हाउस वाइफ 29 6.14
किसान 17 3.6
प्राइवेट जॉब 12 2.4
लेबर 07 1.48
अन्य 00 13.11
जहर और मामले
कीटनाशक 176
दवाओं का ओवरडोज 105
मिश्रित जहर के मामले 98
एसिड या क्लीनिंग लिक्विड 44
सांप-बिच्छू के काटने से 14
जहर लेने के प्रकार
ओरल 438
कान से 01
एक्सटर्नल 08
इनहेलेशन 11
बाइट 13
इनजेक्टेड 01
पॉइजन इंफॉर्मेशन सेंटर प्रदेश में अपने तरह का इकलौता सेंटर हैं, जहां जहर की जांच के साथ उसके इलाज की जानकारी दी जाती है। पूरे देश से सेंटर में कॉल आते हैं। – केडी शुक्ला, पीआरओ, एम्स