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खाने के पैकेट में छिपे हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े 200 केमिकल्स

फ्रंटियर इन टॉक्सिकोलॉजी में प्रकाशित हुई स्टडी

बर्न। एक हालिया स्टडी में फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले कागज और कार्डबोर्ड के डिब्बों में ब्रेस्ट कैंसर पैदा करने वाले 200 केमिकल्स की पहचान हुई है। स्विट्जरलैंड की फ्रंटियर इन टॉक्सिकोलॉजी में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक इनमें से 40 केमिकल्स खतरनाक श्रेणी में वर्गीकृत हैं। स्टडी में इन केमिकल्स के मानव शरीर में जाने की आशंका जताई गई है। बता दें, स्टडी में 200 केमिकल्स को ब्रेस्ट कैंसर से जोड़ा गया है।

घातक कार्सिनोजेन्स फूड कॉन्टेक्ट मैटीरियल (एफसीएम) और प्लास्टिक में पाए गए। कागज और कार्डबोर्ड में पैक किए गए फूड शरीर के लिए घातक हो सकते हैं। जब खाना ऐसे पैकेट में पैक होकर आता है तो केमिकल्स खाने में मिल जाते हैं। फिर शरीर में पहुंचकर ब्रेस्ट कैंसर जैसी घातक बीमारियों को जन्म देते हैं। डब्ल्यूएचओ के 2022 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में करीब 23 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। इस दौरान 6,70,000 की मौत हो गई। इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

जानवरों के लिए भी खतरा : स्विट्जरलैंड में फूड पैकेजिंग फोरम की प्रबंध निदेशक जेन मुनके ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनने वाले कुछ केमिकल्स जैसे बेंजीन जो जानवरों में स्तन कैंसर का कारण बनता है, फूड पैकेजिंग में पाया गया है। कुछ अन्य केमिलकल्स 4,4′-मेथिलीनबिस-(2-क्लोरोएनिलिन),2,4-टोलुईनीडायमाइन, ओ-टोलुईडिन केमिकल इंसान के साथ ही जानवरों में भी कैंसर का कारण बनते हैं।

ऐसे की गई स्टडी

  • दुनियाभर में एफसीएम से खरीदे गए करीब 76 ब्रेस्ट कैंसर एलिमेंट्स के सबूत मिले हैं, जिसमें करीब 80 फीसदी प्लास्टिक से जुड़े हुए हैं।
  • भोजन संपर्क सामग्री यूरोपीय संघ और अमेरिका सहित अत्यधिक विनियमित क्षेत्रों के बाजारों से खरीदी गई थी।
  • फूड संपर्क सामग्री में 189 संभावित ब्रेस्ट कार्सिनोजेन्स पाए गए हैं, जिनमें प्लास्टिक में 143 और कागज या बोर्ड में 89 शामिल हैं।

बचाव ही उपाय है

  • आप जब भी बाहर से फूड पैक कराने जाएं तो अपने साथ मेटल का टिफिन लेकर जाएं।
  • ऐसा करने से आपको किसी भी पॉलीथिन या कागज की पैकेजिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • कभी भी प्लास्टिक में गरम फूड पैक कराने की गलती न करें।

खतरे से बचना चाहिए

दुनिया भर में खुले आम ऐसे पैकेट बिक रहे हैं, जिसमें 200 से ज्यादा कैंसर फैलाने वाले केमिकल्स मौजूद हैं। ऐसे में लोगों को इस खतरे से बचकर रहना चाहिए। रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाली फूड पैकेजिंग से दूरी बनानी चाहिए। – जेन मुनके, प्रबंध निदेशक फूड पैकेजिंग फोरम, स्विट्जरलैंड

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