भोपाल। प्रदेश में सायबर अपराध ने अपनी जड़ों को मजबूर करना शुरू कर दिया है। कभी मोबाइल पर लॉटरी का मैसेज तो कभी मोबाइल रिचार्ज का ऑफर देकर ओटीपी मांगकर लोगों को ठगने के बाद अब शातिर बदमाशों ने सरकारी वेबसाइट का सहारा लेना शुरू कर दिया है।ताजा मामला वन विभाग की वेबसाइट के नाम को इस्तेमाल कर लोगों के साथ लाखों की ठगी करने का मामला सामने आया है। स्टेट साइबर पुलिस ने एक ऐसी ही गैंग का पर्दाफाश किया है जो वन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देता है और फिर लाखों रुपए की ठगी को अंजाम देता है। पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इस गैंग का अन्य आरोपी फरार चल रहा है।
स्टेट साइबर पुलिस ने दावा किया है कि इस गैंग का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। यह गैंग नौकरी का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपए की ठगी को अंजाम देती है। दरअसल वन विभाग ने बीते 31 मार्च को स्टेट साइबर पुलिस को लिखित में आवेदन दिया था कि वन विभाग की आधिकारिक वेबसाईट https://mpforest.gov.in के यूसर इंटरफेस पर उपलब्ध कंटेंट का प्रतिरूपण कर फर्जी वेबसाईट http://mpforestgov.info/mpforest.gov.in/index.html बनाई गई है। इस फर्जी वेबसाइट के माध्यम से वन रेंजर और वन रक्षक के करीब 500 पदों पर भर्ती भी निकाली गई है। यह आरोपी आवेदन के नाम पर अभ्यार्थियों से फीस वसूलते थे।
साइबर पुलिस ने मामले की जांच की शुरू
इसके बाद स्टेट पुलिस ने वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। साइबर पुलिस की जांच में जानकारी मिली कि यह वेबसाइट चंद्रपुर, महाराष्ट्र से चलाई जा रही है। इसके बाद पुलिस ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर से आरोपी राजू लक्ष्मण केकांत को गिरफ्तार किया। इसके बाद केकांत से पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस की जांच में केकांत ने एक अन्य आरोपी अमरदीप रामदास डोंगरे का नाम बताया। पुलिस ने डोंगरे को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी राजू लक्ष्मण के खिलाफ थाना रामनगर चंद्रपुर में 15 से अधिक मामले दर्ज हैं।
वहीं पुलिस की पूछताछ में एक और नाम सामने आया है। आरोपियों ने एक अन्य आरोपी का नाम भी बताया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों का एक और साथी विनीत नगराले वर्तमान में फरार चल रहा है। उसकी तलाश की जा रही है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में कई खुलासे भी सकते हैं। आरोपियों की इस गैंग ने पूरे देश में इस तरह की ठगी को अंजाम दिया है। आरोपी फर्जी वेबसाइट के जरिए सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं और फिर लाखों रुपए लेकर फरार हो जाते हैं।