ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

भाजपा में छोटों का स्वागत, बड़े नेताओं को रेड सिग्नल!

पार्टी में बढ़ती गुटबाजी और शिकायतों के चलते पहली बार बनाई न्यू जॉइनिंग कमेटी

भोपाल। मध्यप्रदेश में पार्टी का जनाधार बढ़ाने भाजपा ने दूसरे दलों के मैदानी कार्यकर्ताओं के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं लेकिन बड़े और सीनियर क्षेत्रीय नेताओं को जॉइन कराने से तौबा कर ली है। पिछले तीन साल के दौरान सत्ता-संगठन में बढ़ती गुटबाजी की शिकायतों के बाद पार्टी ने अनौपचारिक तौर पर यह निर्णय किया है। पार्टी में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बड़ी संख्या जो नेता- कार्यकर्ता भाजपा में आए उसके बाद ऐसे मामले बढ़े हैं। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में वरिष्ठ नेताओं और कोर ग्रुप सदस्यों की बैठक में भी यह मुद्दा चर्चा में आया था। इसके बाद प्रदेश में पहली बार न्यू जॉइनिंग कमेटी का गठन कर सदस्यता संबंधी गाइडलाइन का ऐलान किया गया।

विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं का आपराधिक और राजनीतिक रिकार्ड खंगाला जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने भोपाल-इंदौर में हुई तीनों बैठकों में इस बात पर जोर दिया है कि ग्रास रूट स्तर पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए नए लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए। खासतौर पर प्रदेश में इस चुनाव में 39 लाख 44 हजार बढ़ने वाले नए मतदाताओं पर फोकस करने को कहा गया है। बूथ स्तर पर भाजपा का वोट शेयर 51 फीसदी करने के लिए पार्टी हाईकमान ने मैदानी कार्यकर्ताओं को जोड़ने पर जोर दिया है।

सार्वजनिक हो चुकी कलह

पार्टी के पुराने और दिग्गज नेताओं ने हाईकमान को फीडबैक दिया है कि मार्च 2020 में सियासी उथल- पुथल (ऑपरेशन लोटस) के दौरान बड़ी संख्या में दूसरे दल के नेताओं का जिस तरह भाजपा में स्वागत हुआ उससे कई जिलों में गुटबाजी की शिकायतें बढ़ गई हैं। भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कैलाश जोशी के बेटे पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने अपनी उपेक्षा क्षेत्र की बदली राजनीतिक परिस्थितियों के चलते भाजपा को अलविदा कह दिया। मांधाता के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह तोमर भी इसी बात पर खफा चल रहे हैं।

संबंधित खबरें...

Back to top button