ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

बच्चों की चिंता में किसी को लगी सिगरेट की लत तो किसी की उड़ गई नींद, मनोचिकित्सकों के पास हर दिन पहुंच रहे ऐसे मामले

प्रवीण श्रीवास्तव भोपाल। रोशनपुरा निवासी राजेश दीक्षित का बेटा 12वीं में हैं। बेटे के रिजल्ट को लेकर वे इतने तनाव में हैं कि दोगुना सिगरेट पीने लगे हैं। करीब एक महीने से नींद भी ढंग से नहीं आ रही। अब वे मनोचिकित्सक से सलाह ले रहे हैं।

एक अन्य छात्र ने भी कॉल सेंटर पर ऐसी ही समस्या बताई। कहा कि एग्जाम को लेकर मेरे माता-पिता मुझसे ज्यादा तनाव में हैं। वे रिजल्ट को लेकर इतने परेशान हैं कि न तो ज्यादा सोने देते हैं न ही दूसरे काम करने दे रहे। माता-पिता के इस व्यवहार से छात्र परेशान है। यह समस्या सिर्फ दो लोगों की नहीं है, बल्कि परीक्षाओं के दौरान तमाम लोग ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

सीबीएसई और एमपी बोर्ड दोनों की ही 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षा को लेकर बच्चों से ज्यादा उनके माता-पिता तनाव में हैं। कई पैरेंट्स ऐसे हैं, जिन्हें बच्चों के अच्छे रिजल्ट की इतनी ज्यादा चिंता है कि वे न तो ठीक तरह से खाना खा रहे हैं और न सो रहे हैं। इसके चलते वह मानसिक परेशानियों जैसे-एंजायटी, डिप्रेशन आदि के शिकार हो रहे हैं। शहर के मनोचिकित्सकों के पास रोजाना एक-दो पैरेंट्स ऐसी परेशानी के साथ पहुंच रहे हैं।

तीन महीने से बंद है टीवी

पीरगेट पर रहने वाली सपना मालवीय ने बताया कि तीन महीने से उसके माता-पिता का व्यवहार बदल गया है। उनके घर में न तो टीवी चलती है, न ही बाहर जाने दिया जा रहा है। यहां तक कि वे मुझे भी किसी से बात नहीं करने दे रहे। सपना बताती है कि मेरे हर बार 85 फीसदी से ज्यादा अंक आते हैं, लेकिन इस बार माता-पिता का व्यवहार इतना सख्त है कि मैं पढ़ाई तक नहीं कर पा रही।

50 फीसदी कॉल परीक्षा, तनाव और परिवार को लेकर

जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (JES) 108 कॉल सेंटर पर भी करीब आधे कॉल परीक्षा और उससे जुड़े होते हैं। फरवरी और मार्च के दौरान कॉल सेंटर पर किए गए कॉल रिपोर्ट के मुताबिक-इन दिनों 32 फीसदी कॉल करियर को लेकर आ रहे हैं। वहीं 11-11 फीसदी कॉल परीक्षा के चलते डिप्रेशन और टेंशन से संबंधित हैं। 7 फीसदी कॉल में परीक्षा के दौरान पारीवारिक माहौल को लेकर बात की जाती है।

रोते हुए बच्चे कर रहे कॉल

मनोचिकित्सक डॉ. मोनिका वर्मा बताती हैं कि कई बच्चे रोते हुए कॉल करते हैं। करीब एक सप्ताह पहले एक छात्रा ने कॉल कर कहा कि माता- पिता परीक्षा को लेकर इतने ज्यादा तनाव में हैं कि मुझे डर लगने लगा है। मुझे डर है कि अगर मेरे अच्छे नंबर नहीं आए तो उनका क्या होगा। इसी डर से मैं पढ़ नहीं पा रही।

माता पिता बढ़ा रहे बच्चों में मानसिक तनाव

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिपेदी कहते हैं कि माता पिता के व्यवहार से बच्चों पर मानसिक तनाव बढ़ रहा है। हर दिन ऐसे मामले आते हैं, जब बच्चों की जगह माता-पिता की काउंसलिंग करनी पड़ती है। माता-पिता का यह व्यवहार ही बच्चों को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर करता है। इसलिए बच्चों के सामने इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।

108 कॉल सेंटर के आंकड़े

फरवरी में कॉल सेंटर पर कुल 222 कॉल आए। करियर संबंधी 24 कॉल आए, जबकि डिप्रेशन संबंधी समस्या के 49 कॉल आए। परिवार संबंधी कॉल्स की संख्या 4 थी, जबकि तनाव संबंधी 33 कॉल आए थे।

मार्च में करियर के कॉल्स की संख्या 87 हो गई, जबकि डिप्रेशन वालों की संख्या घटकर 30 हो गई। परिवार संबंधी सिर्फ 21 कॉल्स आईं, जबकि तनाव संबंधी 27 कॉल थीं। इस महीने अब तक कुल 268 कॉल आ चुकी हैं।

संबंधित खबरें...

Back to top button