
न्यूयॉर्क। इजराइल-हमास संघर्ष के बीच इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं कि गाजा में बीमारियों एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की स्थिति कितनी गंभीर हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) ने चेतावनी दी है कि गाजा में बमों और मिसाइलों की तुलना में बीमारी और क्षतिग्रस्त स्वास्थ्य ढांचे से अधिक मौतें हो सकती हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि यदि हम यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने तथा खाद्यान्न, पानी, दवाएं तथा अस्पतालों के संचालन के लिए ईंधन की व्यवस्था की स्थिति सुधारने में कामयाब नहीं हो पाए तो आने वाले समय में हम देखेंगे कि लोग बमबारी से ज्यादा बीमारियों से मारे जा रहे हैं।
फ्रॉम हॉरर टू होप : रिकगनाइजिंग एंड प्रिवेंटिंग द हेल्थ इंपेक्ट्स ऑफ वॉर पुस्तक के लेखक तथा टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. बैरी लेवी ने कहा कि अधिकांश युद्धों में हमने देखा है कि जितने लोग बमों, गोलियों एवं अन्य हथियारों के प्रत्यक्ष हमले से मारे जाते हैं उससे अधिक संख्या में लोग बीमारियों जैसे युद्ध के अप्रत्यक्ष प्रभावों के कारण मारे जाते हैं। यह अप्रत्यक्ष प्रभाव मुख्यत: नागरिक अधोसंरचनाओं के विध्वंस के कारण होते हैं, जिसके कारण भोजन, पानी, आश्रय एवं स्वास्थ्य देखभाल संबंधी सुविधाएं तबाह हो जाती हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में विस्थापन के कारण भी लोग इन सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं।
स्वच्छ पानी नहीं मिलने के कारण जहां लोग पेट संबंधी बीमारियों जैसे कॉलरा से पीड़ित हो जाते हैं। वहीं बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ रहने के कारण संक्रामक तथा सांस से संबंधित बीमारियां जैसे मीजल्स, ट्यूबरकुलोसिस एवं कोविड-19 जैसे रोगों की चपेट में आ सकते हैं। लोक स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के कारण टीकाकरण एवं बीमारियों के प्रसार को रोकने संबधी उपाय कम हो जाते हैं तथा कुपोषण जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं।