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स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाएगा मतदान क्यों जरूरी

जागरुकता अभियानों का खर्च बचेगा: अगले साल से सीबीएसई और स्टेट के पाठ्यक्रमों में होगा शामिल

अशोक गौतम, भोपाल। अभी चुनाव आयोग मतदाताओं खासकर युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने अभियान चलाता है पर अब इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा। अब युवाओं को मतदान के मायने पढ़ाए जाएंगे। उन्हें एक-एक वोट की कीमत बताते हुऐ लोकतांत्रिक पद्धति के जरिए सरकार चुनाव की व्यवस्था बताई जाएगी। इसके लिए के लिए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में मतदाता जागरूकता, वोटिंग के महत्व और सरकार चुनने में उनकी भूमिका को शामिल किया जाएगा। यह व्यवस्था अगले साल से लागू होगी । सीबीएसई और स्टेट के पाठ्यक्रमों में इसे शामिल किया जाएगा।

भारत निर्वाचन, यूजीसी के बीच एमओयू साइन

इस संबंध में भारत निर्वाचन, यूजीसी, एनसीईआरटी ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के समक्ष एक एमओयू साइन किया है। एनसीईआरटी इस कोर्स को डिजाइन कर इसे पाठ्यक्रम में शामिल करेगी। वहीं यूजीसी देश के सभी विश्वविद्यालयों को यह निर्देश देगी कि इस पाठ्यक्रमों में मतदाता जागरूकता, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और पसंदीदा सरकार बनाने का एक अलग चेप्टर तैयार कर उसे चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाए। इन्हें यह भी बताया जाएगा कि ये वोटर लिस्ट में किस तरह से अपना नाम जोड़ सकते हैं ।

जानिए क्यों कर रहे शामिल

देशभर में युवा मतदाता सबसे ज्यादा हैं। युवाओं की रुचि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर बहुत कम होती है। इसके अलावा अगर नाम सूची में हो, इनकी वोटिंग के ज्यादा रुचि नहीं होती है। इसके अलावा युवा वोटरों को जागरूक करने के लिए लोकसभा, विधानसभा, निकाय और पंचायत चुनावों में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। नए मतदाताओं के नाम जोड़ने को लेकर भी तमाम अभियान चलाए जाते हैं। अगर इस तरह की शिक्षा दी जाएगी तो युवा 18 वर्ष के होने पर अपना नाम सूची में जुड़वाने के लिए प्रेरित होंगे और वोटिंग भी करेंगे। इससे विभाग का पैसा और समय भी बचेगा। मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा।

इस पहल से चुनाव में मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा

स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मतदान से जुड़े विषयों को पर विचार करते हुए शिक्षा देने वाली एजेंसियों से एमओयू किया गया है। इसे पाठ्यक्रमों में शामिल करने का काम पाठ्यक्रम तैयार कराने वाली एजेंसियों को करना है। युवाओं को मतदान के प्रति शुरू से जागरूक किया जाएगा, तो मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। -मनोज खत्री, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (स्वीप प्लान)

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