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आसरा अस्पताल का वीडियो वायरल, जिसमें दिखाई दे रहे हैं दर्जनभर से ज्यादा मृत मवेशी

पेट लवर्स का दावा भूख-प्यास से दम तोड़ रहे मवेशी

भोपाल। राजधानी में जहांगीराबाद स्थित आसरा पशु अस्पताल में बीमार और घायल आवारा मवेशियों का इलाज किया जाता है, लेकिन यह अस्पताल इन मवेशियों के लिए मौत का घर बना हुआ है। इलाज के नाम पर मवेशियों को दवा नहीं, बल्कि भूखा-प्यास रख कर मौत दी जा रही है। इस सरकारी अस्पताल की ये भयानक तस्वीर शुक्रवार को तब सामने आई जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि करीब 20 से ज्यादा गायें और बछड़े लार्ज एनिमल वार्ड में बेसुध पड़े हैं। मुंह से झाग निकल रहा है। इनमें से 10 गाय और एक बछड़ा मरा हुआ बताया जा रहा है। वीडियो में कई मवेशियों की लाशें सड़ी हुई भी दिखाई दे रही हैं। उनमें कीड़े पड़ रहे हैं, मक्खियां भिनभिना रही हैं।

बता दें कि आसरा पशु चिकित्सालय पशु पालन विभाग के मातहत आता है। यहां आवारा घूमने वाले पशुओं का इलाज किया जाता है। सालाना करोड़ों का फंड अस्पताल को मिलता है। अच्छा खासा मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ भी है। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह पेट लवर शर्मिला जैन द्वारा बनाया गया। यही नहीं, एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल की प्रभारी डॉ. सुनीला सरन और वीडियो बनाने वाली महिला के बीच नोकझोंक हो रही है। वीडियो में सुना जा सकता है कि डॉ. सुनीला सरन स्टाफ पर झल्लाते हुए कह रही हैं कि मेरी इजाजत के बिना किसी को भी अस्पताल में दाखिल मत होने देना।

बेतुकी दलील- मवेशी मरे नहीं आराम कर रहे हैं

अस्पताल प्रभारी डॉ. सुनीला सरन का वायरल वीडियो पर तर्क है कि जिन मवेशियों को मरा हुआ बताया जा रहा है, वह मरे नहीं, बल्कि आराम कर रहे हैं।

वीडियो में वास्तविकता यह है

जबकि वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जमीन पर पड़ी गायें मर चुकी हैं। एक बछड़े की लाश इतनी सड़ चुकी है कि उसकी गर्दन और शरीर में कई जगहों पर गहरे जख्म नजर आ रहे हैं। जिनमें न सिर्फ मक्खियां भिनभिना रही हैं, बल्कि कीड़े भी पड़ चुके हैं। बछड़े की मौत संभवत: एक हफ्ते पहले हो चुकी है।

रोजाना मरते हैं 8 से 10 मवेशी

इधर, नगर निगम के पशु चिकित्सक एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि आसरा पशु चिकित्सालय से निगम का कोई वास्ता नहीं है। लेकिन यहां नगर निगम द्वारा ऐसे आवारा मवेशी जो बीमार होते हैं या एक्सीडेंट में घायल होते हैं, उन्हें भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक रोजाना अस्पताल में बीमार और एक्सीडेंट में घायल 8 से 10 मवेशियों की मौत हो जाती है। लिहाजा उन्होंने डेड एनिमल उठाने वाली एजेंसी को ताकीद की है कि सुबह सबसे पहले अस्पताल से डेड एनिमल को उठाकर डिस्पोज किया जाए।

दो दिन से मवेशियों को पानी पानी नहीं मिलने का आरोप

वीडियो वायरल करने वाली पेट लवर जैन ने आरोप लगाया है कि आसरा पशु अस्पताल में पहुंचने वाले बीमार और एक्सीडेंट में घायल मवेशियों को खाने के नाम पर थोड़ी-सी घास दी जाती है। जिससे उनका पेट नहीं भरता। यहां पानी का इंतजाम बोरवेल से किया जाता है, जो दो दिन से बंद है। लिहाजा मवेशियों को पानी नहीं दिया गया। इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी वहां नहीं है।

केज में सड़ रही कुत्तों की लाशें

आसरा में सिर्फ आवारा मवेशियों का इलाज नहीं होता, बल्कि यहां आवारा कुत्तों को भी इलाज के लिए लाया जाता है। वीडियो बनाने वाली पेट लवर शर्मिला जैन ने बताया कि अस्पताल में जब उन्होंने कुत्तों की स्थिति को देखा, तो दंग रह गईं। यहां केज में कुत्तों की लाशें पड़ी हुई थीं। कई कुत्तों की लाशें सड़ चुकी थीं। बदबू इतनी थी कि खड़ा होना भी मुश्किल था।

आराम कर रहे हैं मवेशी

वीडियो में जिन मवेशियों को मरा हुआ बताया जा रहा है। वह आराम कर रहे हैं। हालांकि आसरा पहुंचने वाले बीमार और घायल मवेशियों में सात से आठ मवेशियों की मौत हो जाती है। जबकि बारिश के दौरान मवेशियों के मरने का आंकड़ा 10 से 12 होता है। – डॉ. सुनीला सरन, प्रभारी, आसरा पशु चिकित्सालय

निगम को कोई लेना-देना नहीं

मुझे जानकारी है, लेकिन अस्पताल से निगम का कोई लेना-देना नहीं है। इसका संचालन पशु चिकित्सा विभाग करता है। निगम तो यहां बीमार और घायल मवेशियों को पहुंचाता है। – हरेंद्र नारायण, आयुक्त, नगर निगम

जानकारी के बाद बताना संभव

मेरे पास भी वीडियो भेजा गया है। जानकारी के बाद ही कुछ कह सकूंगा। वैसे भी यहां जो भी मवेशी आते हैं, वह बीमार या घायल अवस्था में ही रहते हैं। यहां उनका इलाज किया जाता है। उनको बचाने की पूरी कोशिश की जाती है, जो गंभीर अवस्था में होते हैं, उनकी मृत्यु हो जाती है। – डॉ. अजय रामटेक, डिप्टी डायरेक्टर, पशुपालन विभाग

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