
इंदौर में सोयाबीन को लेकर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में रविवार को अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। कॉन्फ्रेंसिंग से इसका हिस्सा बने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मप्र को अपनी अलग से सोया नीति बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है।
देश में सोयाबीन की उत्पादकता अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी देशों के मुकाबले काफी कमजोर है। मंच पर मौजूद प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल से केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इस बारे में विचार करें।
किसान क्षतिग्रस्त फसलों का वीडियो बनाकर दें : कृषि मंत्री
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि बेमौसम की बारिश से सोयाबीन की फसलों में जहां नुकसान हुआ है, वहां नुकसान की भरपाई की जाएगी। प्रभावित किसानों को इसका मुआवजा दिलाया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा सैटेलाइट से सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खुद किसान भी अपनी क्षतिग्रस्त फसलों का वीडियो बनाकर संबंधित कलेक्टर, कृषि विभाग व बीमा कंपनियों को दे सकते हैं। उन्हें हर हाल में मुआवजा मिलेगा।
मंडी टैक्स पर एक सप्ताह में होगा निर्णय : कृषि मंत्री
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सरकारी खरीदी के उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी जी के सोया नीति पर सरकार आगे बढ़ेगी और जल्द ही मुख्यमंत्री से मांग करूंगा। उन्होंने कहा कि तेल आयात पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय मंत्री गोयल से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में मैं, मंत्री सिलावट और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा मंडी टैक्स के दोहराव और दरों पर राहत देने का निर्णय एक सप्ताह में ले लिया जाएगा।
पैदावार के लिए उन्नत बीजों पर ध्यान देना होगा : केंद्रीय मंत्री गडकरी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कॉन्क्लेव को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना में प्रति एकड़ सोयाबीन 26 से 30 क्विंटल होती है, हमारे यहां सिर्फ पांच क्विंटल पैदावार होती है। ऐसे में उन्नत बीजों के विकास पर ध्यान देना होगा। इसमें सरकार के साथ सोपा जैसी संस्थाओं को भी सहभागी बनना चाहिए। गडकरी ने कहा कि आयात कम करने के लिए यह जरूरी है। सोयाबीन के आटे में 49 प्रतिशत प्रोटीन होता है।
लोगों को पोषण की जरूरत है : केंद्रीय मंत्री गडकरी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि देश के लोगों को पोषण की जरूरत है। मैं खुद अंधेरी से सेंव लाता हूं जो सोया आटे से बनी होती है। ऐसे खाद्य उत्पादों के विकास पर मप्र जैसे सोया प्रदेशों को ध्यान देना चाहिए। इससे लोगों को अच्छा प्रोटीन मिल सकेगा। साथ ही देश का सोया मील विदेश में जाने की बजाय यहीं उपयोग होगा और अच्छी कीमतें मिलेंगी।
किसानों के लिए काम कर रही है सरकार : केंद्रीय मंत्री गडकरी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि सरकार किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अब कृषि उपजों से ईंधन, ग्रीन हाइड्रोजन बनाने जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। किसान न केवल अन्नदाता बल्कि उर्जा प्रदाता भी बन सकें। देश में सोयाबीन का उत्पादन प्रति एकड़ 15 क्विंटल से ऊपर जाए इस दिशा में सोया नीति बनाकर मप्र को अगुवाई करना चाहिए।
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कॉन्क्लेव में ये रहे मौजूद
दो दिनी सोया कॉन्क्लेव का रविवार को अंतिम दिन था। औपचारिक समारोह में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, तुलसी सिलावट, सोपा चेयरमैन डेविश जैन, उपाध्यक्ष गिरीश मतलानी, निदेशक डीएन पाठक के साथ महाराष्ट्र से आए किसान प्रतिनिधि पाशा पटेल भी मंच पर मौजूद थे।