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राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में दुग्ध संघ और NDDB के बीच हुआ MoU, अमित शाह बोले- सहकारिता सेक्टर में काफी संभावनाएं

भोपाल। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में आज रवींद्र भवन में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। समझौते पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अधिकारियों और राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता यहां आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में किया गया। इस अनुबंध के माध्यम से दुग्ध संग्रहण और उत्पादन के क्षेत्र में राज्य में व्यापक कार्य किए जाएंगे।

इस अवसर पर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, राज्य के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, अन्य मंत्री और केंद्र तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस सम्मेलन में ‘‘सहकार से समृद्धि” के विजन अंतर्गत श्वेत क्रांति 2.0 और मध्यप्रदेश डेयरी विकास परियोजना पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में सहकारिता तथा पैक्स के व्यवसाय विविधीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

मध्य प्रदेश में कई संभावनाएं

सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा- मध्य प्रदेश के अंदर कृषि, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्र में अधिक संभावनाएं हैं। मैं मानता हूं कि हमें हमारी संभावनाओं का शत प्रतिशत दोहन करने के लिए ढेर सारा काम करने की जरूरत है।

सांची का नाम नहीं बदला जाएगा

मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि एनडीडीबी और एमपीसीडीएफ के समझौते के तहत राज्य के मशहूर दुग्ध उत्पाद ब्रांड सांची का नाम नहीं बदला जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि एनडीडीबी, एमपीसीडीएफ के कार्यों का प्रबंधन करेगा। अधिकारियों ने कहा कि समझौते में मधप्रदेश में दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 9,000 करने की परिकल्पना की गई है।

देश में दूध उत्पादन में तीसरे स्थान पर मप्र

बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यादव ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन में राज्य का योगदान लगभग 9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य रखा है।” उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश वर्तमान में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद देश में दूध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि मध्यप्रदेश दूध की राजधानी बने। ‘‘हम मध्यप्रदेश में दूध उत्पादन का कायाकल्प करने के लिए काम कर रहे हैं।” एक दिन पहले, यादव ने इंदौर में घोषणा की थी कि राज्य सरकार दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती पर उनके नाम से एक नई योजना शुरू करेगी।

सीएम ने भगवान राम की प्रति मूर्ति की भेंट

सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंच पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह का स्वागत अंग वस्त्रम पहनाकर किया। इस मौके पर उन्हें अयोध्या मंदिर में स्थापित भगवान राम की प्रति मूर्ति भेंट की।

स्टेट हैंगर पर सीएम ने किया अमित शाह का स्वागत

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भोपाल पहुंचे हैं। स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्वागत किया।

दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में MP एक नया अध्याय लिखेगा

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रविवार की भोपाल यात्रा के पहले उनका स्वागत करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राज्य के लिए नया अध्याय लिखेगा। डॉ. यादव ने मीडिया को जारी एक संदेश में कहा कि वे शाह का मध्यप्रदेश आगमन पर स्वागत करते हैं। शाह का आगमन निश्चित ही प्रदेश के विकास को गति और नवीन ऊर्जा प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपके मार्गदर्शन में होने वाला राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के लिए एक नया अध्याय लिखेगा।”

MP दुग्ध संघ और NDDB के बीच होगा 5 साल का अनुबंध

सम्मेलन के दौरान मध्यप्रदेश दुग्ध संघ और NDDB के बीच 5 वर्षों के लिए एक करार (एमओयू) किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के छह दुग्ध संघों और NDDB के बीच छह अलग-अलग अनुबंध भी होंगे।

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल ने जानकारी दी कि इस अनुबंध के तहत सांची ब्रांड का नाम बरकरार रहेगा, लेकिन संचालन का ज़िम्मा NDDB को सौंपा जाएगा। दुग्ध संघों के सीईओ अब NDDB के अधीन काम करेंगे।

इस एमओयू से राज्य में दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 9,000 की जाएगी। साथ ही दूध उत्पादन क्षमता को 10 लाख लीटर से बढ़ाकर 20 लाख लीटर प्रतिदिन करने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट के लिए 1,447 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।

 

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