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टाइटेनियम के कंटेनरों में पीथमपुर जाएगा यूनियन कार्बाइड का कचरा

ट्रांसपोर्टेशन के दौरान हर वाहन के साथ फायर फाइटर, एंबुलेंस भी होगी

प्रवीण श्रीवास्तव-भोपाल। हॉलीवुड मूवी में अक्सर किसी घातक हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के दौरान विशेष गाड़ियों और तकनीक का उपयोग करने का दृश्य होता है। इन गाड़ियों के आगे-पीछे कमांडो का काफिला भी होता है। ठीक ऐसा ही इंतजाम यूनियन कार्बाइड के कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने के लिए किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, इस कचरे को विशेष कंटेनरों में ले जाया जाएगा। कंटेनरों के लिए जीपीएस युक्त विशेष वाहन होंगे। कचरे का निष्पादन पीथमपुर में रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज के इंसीनरेटर में होना है। बीते 4 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रक्रिया शुरू करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था। इसको देखते हुए सरकार, मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड और गैस राहत विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है।

वेस्ट को 4 प्रकार में बांटा : 2005 में रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज को प्लांट में फैले कचरे को इकट्ठा करने का टेंडर मिला था। तब 4 तरह के 347 टन रासायनिक कचरे को प्लास्टिक बैग और लोहे के ड्रम्स में पैककर गोदामों में भरा गया था। इस कचरे में से 10 टन का परीक्षण किया गया था। मामले में गैस राहत विभाग के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार का कहना है कि पूरी प्रक्रिया हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पूरी की जा रही है।

पीएम के काफिले की तरह होगा कॉन्वॉय

इन कंटेनरों के लिए भोपाल से पीथमपुर के बीच ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। जिन वाहनों में इन कंटेनरों को ले जाया जाएगा, उसकी सुरक्षा पीएम के काफिले की तरह ही होगी। हर वाहन के साथ एक कॉन्वॉय होगा, जिसमें फायर फाइटर, एंबुलेंस के साथ विशेष तकनीकी टीम होगी। काफिले में ट्रेंड सिक्योरिटी गार्ड्स की गाड़ियां भी होंगी। हर वाहन के आगे- पीछे विशेष सुरक्षा घेरा होगा।

हर परिस्थिति के लिए तैयार होगा प्लान बी

सूत्रों के मुताबिक, कचरे के ट्रांसपोर्टेशन के दौरान हर काम के लिए प्लान बी भी तैयार रहेगा। उदाहरण के तौर पर किसी गाड़ी में तकनीकी गड़बड़ी होती है, तो विकल्प क्या होगा। इसके साथ ही एक्सीडेंट, आग लगने या हमले जैसी स्थिति से निपटने के लिए भी तैयारी की जाएगी।

हर कंटेनर पर होगा यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर

  • हर कंटेनर पर अलग सील, लेवल के साथ यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर होगा।
  • टाइटेनियम कंटेनरों का साइज तय नहीं है, लेकिन ये 23 से 28 टन क्षमता के हो सकते हैं।
  • जीपीएसयुक्त वाहनों में रखा जाएगा, जिनकी मॉनिटरिंग होगी।
  • कॉन्वाय में सुरक्षा वाहनों के साथ एंबुलेंस, दमकल के साथ क्विक रिस्पॉन्स टीम होगी।

किसी भी परिस्थिति में लीक नहीं होगा कचरा

इस कचरे को ले जाने के लिए विशेष लीक प्रूफ कंटेनरों का इस्तेमाल होगा। टाइटेनियम से बने यह कंटेनर इतने मजबूत हैं कि आग, दुर्घटना सहित किसी भी घटना में लीक नहीं होंगे। अगर कोई इन्हें खोलने का प्रयास किया जाएगा तो यह लॉक हो जाएंगे। इस तरह वे पूरी तरह सुरक्षित होंगे।

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