
नई दिल्ली। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया ने अब तक की सबसे बड़ी डील की है। कंपनी अपने विमानों का बेड़ा बढ़ाने के लिए एयरबस और बोइंग के साथ 470 नए विमानों की खरीद का सौदा किया है। कंपनी एयरबस से 40 ए350 और 210 छोटे आकार के विमान खरीदेगी। 40 विमान बड़े आकार वाले (वाइड बॉडी) हैं। वहीं बोइंग से कंपनी 220 विमान खरीद रही है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। एअर इंडिया के इतिहास में यह पहला मौका है, जब उसने इतनी बड़ी संख्या में विमानों का सौदा किया है। एयरबस के सीईओ ने कहा- यह इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी डील है।
मीटिंग में पीएम मोदी भी हुए शामिल
मंगलवार को एयरबस के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन एयरबस के साथ डील को अंतिम रूप दिया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों भी जुड़े। टाटा ग्रुप ने पिछले साल जनवरी में सरकारी कंपनी एअर इंडिया का अधिग्रहण किया था। इसके बाद से वह कंपनी की सेवाओं को बेहतर करने में लगी है।
ब्रिटेन और अमेरिका में बढ़ेंगे रोजगार
एयरबस में राेल्स रॉयस का इंजन लगता है। इस डील से ब्रिटेन की कंपनी रोल्स रॉयस को भी फायदा होगा। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भी इस डील पर खुशी जताई। वहीं बोइंग से डील को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि यह बाेइंग के इतिहास में तीसरी सबसे बड़ी डील है। इससे अमेरिका के 44 राज्यों में करीब 10 लाख रोजगार पैदा होंगे।
15 साल में देश को 2,000 से ज्यादा विमानों की जरूरत
इस डील के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा- भारतीय विमानन क्षेत्र को अगले 15 साल में 2,000 से अधिक विमानों की जरूरत होगी। ऐसे में भारत इस क्षेत्र के लिए मेंटेनेंस का हब बन सकता है। एअर इंडिया-एयरबस डल भारत और फ्रांस के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा- भारत विमानन क्षेत्र के लिए मेंटेनेंस का हब बन सकता है।
100 बिलियन डॉलर से बड़ी डील
एयरबस के सीईओ गुइलौमे फाउरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रतन टाटा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और अन्य नेताओं के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा- एयरबस के लिए स्क्रिप्ट एअर इंडिया के पुनरुद्धार में मदद करने के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। एयरबस के साथ यह सौदा, 100 बिलियन डॉलर से अधिक के होने की उम्मीद है।