
संजय कुमार तिवारी-जबलपुर। मध्यप्रदेश के सिवनी पेंच टाइगर रिजर्व में पांच साल से तैनात स्निफर डाग ‘सुंदर’ से जंगल का शातिर से शातिर शिकारी भी बच नहीं पाता है। जंगल और वन्यजीवों की रखवाली में तैनात स्निफर डॉग ‘सुंदर’ वन्यजीवों के शिकारियों को खोजने में माहिर और बेल्जियम मेलानाइस नस्ल का है। हेंडलर (प्रशिक्षक) से मिले निर्देशों का वह तुरंत पालन करता है।
पेंच टाइगर रिजर्व के कुरई में तैनात डॉग स्क्वायड को जरूरत पड़ने पर प्रदेश के अन्य जिलों में वन अपराधियों की धरपकड़ करने भेजा जाता है। स्निफर डाग ‘सुंदर’ की मदद से पेंच टाइगर रिजर्व का अमला बीते पांच सालों में करीब 20 मामलों में आरोपियों के सुराग तलाशने के बाद वारदातों का राजफाश कर चुका है। यही कारण है कि स्निफर डॉग सुंदर से वन अपराधी खौफ खाने लगे हैं।
खोजते हुए भालू के शिकारियों तक पहुंचा
केस -1 : 6 जनवरी 2019 में बालाघाट के किरनापुर वन क्षेत्र में भालू के शिकार मामले में पेंच से डॉग स्क्वायड को भेजा गया था। घटनास्थल व भालू के शव को सूंघते हुए जंगल में करंट फैलाने वालों के घरों तक सुंदर पहुंच गया था। वारदात में शामिल शिकारियों को पकड़ने में वन अमले को मदद मिली थी।
बाघ के शिकारियों को कराया था गिरफ्तार
केस -2 : कुरई सामान्य वनक्षेत्र की गोरखपुर बीट में 27 फरवरी 2021 को 3 से 4 दिन पुराना बाघ का शव एक गड्ढे में मिला था। शिकारियों का पता लगाने सुंदर की मदद ली गई थी। मौके को सूंघते हुए सुंदर फतेहपुर गांव के दो घरों में पहुंचा था, जिससे मामले में तीन सगे भाइयों को गिरफ्तार किया था।
2021 में संदिग्धों के घर भी पहुंचा था डॉग
केस -3 : 5 नवंबर 2021 को पेंच के खवासा बफर में करंट लगाकर चीतल का शिकार के मामले में सुंदर को बुलाया गया था। जब मौके पर डॉग से सर्चिंग कराई तो सुंदर उन्हीं संदिग्ध व्यक्तियों के घर के सामने जाकर खड़ा हो गया, जिन्हें रात में वन अमले ने हिरासत में लिया था, जिससे पूरे मामले का खुलासा हो गया था।
मामले सुलझाने में सफल रहा
पेंच टाइगर रिजर्व में स्निफर डॉग सुंदर के तैनात होने से शिकारियों तक पहुंचना आसान हो गया है। बीते पांच सालों में 20 से ज्यादा मामलों को सुलझाने में स्निफर डॉग सुंदर सफल रहा है। साल 2022 में सुंदर ने पांच मामलों में आठ शिकारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। -रजनीश सिंह, फील्ड डायरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी