
रतन टाटा के सहायक और सबसे करीबी शांतनु नायडू ने टाटा संस में छह साल से ज्यादा काम किया। अब वो टाटा ग्रुप के ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर का पद संभालेंगे। लिंक्डइन पर अपनी नई पोजीशन के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा कि ‘मेरे पिता टाटा मोटर्स प्लांट से सफेद शर्ट और नेवी पैंट पहनकर घर आते थे, और मैं खिड़की पर उनका इंतजार करता था। अब सालों बाद, वह जगह मेरे लिए बन गई है, जिससे चक्र पूरा होने जैसा लग रहा है।’ आपको बता दे कि शांतनु का टाटा ग्रुप के साथ पुराना जुड़ाव है।
रतन टाटा के बेहद करीब थे शांतनु
मैकेनिकल इंजीनियर शांतनु नायडू ने अपने करियर की शुरुआत टाटा टेक्नोलॉजीज में इंटर्नशिप से की थी, जिसके बाद उन्होंने टाटा एलेक्सी में काम किया। टाटा एलेक्सी में रहते हुए, उन्होंने एक खास तरह का कुत्ते का कॉलर डिजाइन किया, जो सड़क पर होने वाली मानव-पशु दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता था। इस अनोखे प्रोजेक्ट ने रतन टाटा का ध्यान खींचा और उन्होंने नायडू के इस प्रोजेक्ट और उनके करियर को आगे बढ़ाने में मदद की। इतना ही नहीं, जब नायडू ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए करने का फैसला किया, तो उनकी पढ़ाई का खर्च भी रतन टाटा की ओर से उठाया गया।
टाटा ग्रुप से शांतनु का पारिवारिक जुड़ाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शांतनु नायडू का टाटा ग्रुप से पारिवारिक जुड़ाव है। उनके पिता वेंकटेश नायडू टाटा मोटर्स के पुणे प्लांट में काम कर चुके हैं। वहीं उनके दादा और परदादा महाराष्ट्र के भीरा में टाटा पावर की हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट से जुड़े हुए है। हालांकि नायडू भी टाटा ट्रस्ट्स में रतन टाटा के साथ कई साल काम कर चुके है।
पिछले साल हुआ रतन टाटा का निधन
टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा का पिछले साल निधन हो गया। 86 वर्षीय रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे काफी समय से बीमार थे। उनके निधन के बाद उनके भाई नोएल टाटा को ग्रुप की जिम्मेदारी दी गई और उन्हें टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया।
अपने कर्मचारियों को टाटा ग्रुप देता है नया अफसर
टाटा ग्रुप अपने कर्मचारियों को नए अनुभव और बेहतर अवसर देने के लिए समय-समय पर उन्हें अपनी अलग-अलग कंपनियों में ट्रांसफर करता है। इसका मकसद कर्मचारियों की प्रतिभा को और निखारना होता है। हाल ही में, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में काम कर रहे स्वामीनाथन टीवी को टाटा मोटर्स में भेजा गया, जहां वे कमर्शियल गाड़ियों के डिजिटल संचालन से जुड़े काम देखेंगे। इसी तरह, टाटा संस के संदीप त्रिपाठी को टाटा कैपिटल में और टाटा डिजिटल के प्रतीक पाल को टाटा संस में एक खास प्रोजेक्ट के लिए भेजा गया है।