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एम्स में किडनी के साथ लिवर और लंग्स सहित 5 अंगों का हो सकेगा प्रत्यारोपण

तैयार हुई प्रदेश की सबसे बड़ी ट्रांसप्लांट यूनिट

भोपाल। प्रदेश में जल्द ही एक और सरकारी ट्रांसप्लांट यूनिट की सुविधा मिलेगी। एम्स भोपाल में प्रदेश की सबसे बड़ी किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट तैयार हो चुकी है। संभवत: अगले माह यहां किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यूनिट में किडनी के साथ लिवर, लंग्स और बोन मैरो, कॉर्निया ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा। अभी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भोपाल के हमीदिया और इंदौर के एमवाय अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है।

अगले साल से लंग्स ट्रांसप्लांट: अगले साल लंग्स ट्रांसप्लांट भी होंगे। इसके बाद एम्स मध्य भारत का पहला लंग्स ट्रांसप्लांट सेंटर होगा। लंग्स ट्रांसप्लांट सबसे जटिल प्रक्रिया है इसमें रिजेक्शन का खतरा चार गुना ज्यादा है।

बन रही मरीजों की सूची : एम्स का नेफ्रोलॉजी विभाग काम में तेजी से जुटा हुआ है। यहां ऐसे मरीजों की सूची बनाई जा रही है, जिन्हें ट्रांसप्लांट की जरूरत है।

मप्र में हर साल ट्रांसप्लांट की स्थिति

लिवर 10 से 15, किडनी 50 से 60, कॉर्निया ट्रांसप्लांट 100 से 150

निजी अस्पताल में खर्च

  • लिवर ट्रांसप्लांट पर 15 से 20 लाख
  • किडनी ट्रांसप्लांट पर 6 से 7 लाख
  • हार्ट ट्रांसप्लांट 50 लाख से ज्यादा (सोर्स: सोट्टो, अस्पताल व एनजीओ)

एम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में तैयार किया जा रहा है। यहां बीमारी का सुपरस्पेशिएलिटी उपचार दिया जाता है। ट्रांसप्लांट की तैयारी पूरी हो चुकी हैं, अब सिर्फ अनुमति की देर है। – डॉ. अजय सिंह, निदेशक, एम्स, भोपाल

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