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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल की जेल, तोशाखाना रिफरेंस मामले में फैसला

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले वहां के पूर्व PM इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तोशाखाना मामले में पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें और उनकी पत्नी को 14 साल की जेल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने फैसले की घोषणा करते हुए इमरान खान को 10 साल के लिए चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित कर दिया है, जबकि दंपति पर 1.573 अरब रुपए का जुर्माना लगाया है।

खान ने कहा- मुझे धोखा दिया गया है…

एक दिन पहले ही मंगलवार (30 जनवरी) को सरकारी गोपनीयता अधिनियम उल्लंघन मामले में एक विशेष अदालत ने खान (71) को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। नई सजा सुनाए जाने से आम चुनाव से सत्ता में लौटने की उनकी कोशिश को एक और झटका लगा है। जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में रावलपिंडी की अडियाला जेल में सुनवाई की। अदालत ने अपने फैसले में दोनों पर 10 साल तक किसी भी सरकारी पद पर रहने से प्रतिबंध लगाया है और प्रत्येक पर 78.70-78.70 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। बुशरा बीबी बुधवार को अदालत में पेश नहीं हुईं।

सुनवाई की शुरुआत में न्यायाधीश बशीर ने खान से पूछा कि क्या उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए हैं। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके वकील के आने के बाद वह बयान दर्ज कराएंगे। खान ने कहा, ‘‘मुझे धोखा दिया गया है, मुझे केवल सुनवाई के लिए उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था।” दोषी ठहराए जाने के बाद बुशरा बीबी अडियाला जेल पहुंचीं और उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। मामले में न्यायाधीश ने जुलाई 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी दोषी ठहराया था।

PTI प्रमुख की आई प्रतिक्रिया

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मौजूदा प्रमुख गौहर खान ने कहा कि इस फैसले ने न्यायपालिका के प्रति सम्मान कम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अभियुक्तों को समय नहीं दिया गया और मुकदमे को निपटाने की प्रक्रिया में जल्दबाजी की गई।” रिपोर्ट के मुताबिक खान और उनकी पत्नी को विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों और शासन प्रमुखों से कुल 108 उपहार मिले जिनमें से उन्होंने 58 उपहारों को अपने पास रख लिया था।

क्या है तोशखाना मामला

तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है। इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था। बाद में इमरान खान ने तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया। उनकी सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को कानूनी अनुमति दी थी।

पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग को बताया था कि, इन गिफ्ट्स को राज्य के खजाने से 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। हालांकि, बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी। वहीं पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।

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