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खेलों के विश्व पटल पर सध रहा भोपाल के खिलाड़ियों का निशाना

गौरव दिवस : बड़ी झील में वाटर स्पोर्ट्स अकादमी और बिशनखेड़ी में घुड़सवारी अकादमी की सुविधाओं ने बड़ी पहचान दिलाई

भोपाल। राजधानी भोपाल खेलों के विश्व मंच पर अपना रूतबा दर्ज करा चुकी है। पहले हॉकी की नर्सरी कहलाने वाला भोपाल अब खेलों का हब बन गया है। इन सभी में सर्वश्रेष्ठ है, शूटिंग अकादमी। इसकी भव्यता और सुविधाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है। यही कारण है कि यहां विगत दिनों आईएसएफ विश्व कप शूटिंग का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में इन अकादमियों ने विश्व स्तरीय छाप छोड़ी है। शूटिंग अकादमी के मुख्य कोच वैभव शर्मा ने बताया कि हमारा शूटिंग अरेना विश्व स्तरीय है। खिलाड़ियों को बारीकी से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हमारे पास 10 मीटर से लेकर सभी बड़ी रेंज उपलब्ध है। सुविधाओं ने हमारे खिलाड़ियों के खेल में कहीं बेहतर सुधार किया है।

वाटर स्पोर्ट्स अकादमी : झील से निकाले कई पदक

भोपाल की बड़ी और छोटी झील नैसर्गिक होने के साथ ही वाटर स्पोर्ट्स के लिए देशभर में लोकप्रिय है। बड़ी झील पर खेल विभाग की वाटर स्पोर्ट्स अकादमी है, जबकि छोटी झील पर भारतीय कयाकिंग- केनोइंग संघ का शिविर 12 महीने चलता रहता है। दोनों ही जगह से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं। कयाकिंग-केनोइंग संघ के मुख्य प्रशिक्षक विश्वामित्र अवार्डी मयंक ठाकुर का कहना है कि हमारे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण और तकनीक दोनों का प्रशिक्षण मिल रहा है। बड़ी और छोटी झील से हमें खिलाडिय़ों के प्रदर्शन को निखारने में मदद मिलती है।

घुड़सवारी अकादमी : राजू और फराज ने गाड़े झंडे

बिशनखेड़ी के पास राज्य घुड़सवारी अकादमी भी विश्व स्तरीय है। यहां कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी की जा चुकी हैं। अकादमी के चीफ कोच कैप्टन भागीरथ प्रसाद ने बताया कि अकादमी में कई आयोजन हो चुके हैं। अकादमी के राजू और फराज ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने गरीब परिवारों से निकलकर इन सुविधाओं का लाभ लिया और अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश तथा देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ये सुविधाओं की बदौलत ही है।

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