
पल्लवी वाघेला, भोपाल। शादी के दौरान सात जन्मों का बंधन निभाने की कसमें जरा-जरा सी बातों पर टूटने लगी हैं। इसका खुलासा करते हैं फैमिली कोर्ट के आंकड़े, जहां इस साल अभी तक (दो माह 10 दिन) अलगाव व तलाक के 742 आवेदन पहुंचे हैं। इसमें औसतन तलाक के सबसे अधिक आवेदन फरवरी माह में आए हैं और वह भी वैलेंटाइन वीक में।
फरवरी माह में जहां कुल 344 मामले तलाक के लिए आए, उनमें से अकेले वैलेंटाइन वीक में 7 से 15 फरवरी तक 134 जोड़ों ने अलग होने की बात की। यही नहीं फरवरी माह में आपसी सहमति से तलाक के भी सबसे अधिक 82 मामले आए हैं। जनवरी माह में औसतन हर रोज 10 (335 केस), फरवरी में रोज 12 (344 केस) पहुंचे हैं।
केस-1
पूजा और सुशील की शादी 2019 में हुई थी। सुशील को रायसेन में पली-बढ़ी पूजा का रहन-सहन नहीं भाया और इस छोटी सी बात से बढ़कर नौबत तलाक तक आ पहुंची।
केस-2
सारिका और प्रांजल की ढाई साल पुरानी शादी दोनों के अभिभावकों के कारण टूटी। पैरेंट्स के बीच के झगड़े दोनों के तलाक का कारण बन गए।
केस-3
कोलार निवासी दंपति ने शादी के 38 साल बाद तलाक लिया, क्योंकि दोनों एक-दूसरे का सम्मान नहीं कर पा रहे थे।
3 साल में फरवरी में कोर्ट में पहुंचे तलाक के मामले
2022 -109
2023 -173
2024 -344
यदि माता-पिता बच्चों को अंधा सपोर्ट करने के बजाए उन्हें सही-गलत का फर्क बताएं तो तलाक काफी हद तक कम किए जा सकते हैं। दूसरा कपल्स को सोशल मीडिया की दुनिया से बाहर आकर अपने रिश्ते पर ध्यान देने की भी जरूरत है। – डॉ. दीप्ति सिंघल, काउंसलर