
छतरपुर। समाज में प्रेम और रिश्तों को लेकर भले ही परंपरागत सोच हावी हो, लेकिन छतरपुर के नौगांव में एक अनोखी प्रेम कहानी ने नई मिसाल कायम की है। यहां एक समलैंगिक विवाह न केवल हुआ, बल्कि परिवार ने इसे खुले दिल से स्वीकार भी किया और बहू के गृह प्रवेश की रस्म भी धूमधाम से संपन्न की।
इंस्टाग्राम से शुरू हुआ प्यार
नौगांव थाना क्षेत्र के दौरिया गांव की रहने वाली सोनम यादव की दोस्ती असम की अलका वर्मन से तीन साल पहले इंस्टाग्राम पर हुई थी। यह दोस्ती धीरे-धीरे गहरी हुई और दोनों एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगीं। लेकिन समाज को उनका रिश्ता स्वीकार नहीं था। प्यार की इस अनोखी दास्तान में एक मोड़ तब आया जब सोनम अचानक लापता हो गई। परिवार ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत नौगांव थाने में दर्ज कराई। कुछ दिन बाद सोनम लौटी, लेकिन इस बार वह अकेली नहीं, बल्कि अपनी पत्नी अलका के साथ थी।
पुजारी ने भगाया, तो…
सोनम और अलका ने नौगांव के एक मंदिर में शादी करने की कोशिश की, लेकिन पुजारी ने उन्हें बाहर निकाल दिया। इसके बाद दोनों ने थाने के पास स्थित एक मंदिर में विवाह रचाया और पुलिस थाने जाकर अपना बयान दर्ज कराया।
परिवार का समर्थन, धूमधाम से हुआ गृह प्रवेश
इस कहानी का सबसे अहम पहलू यह रहा कि सोनम के परिवार ने इस रिश्ते को न केवल स्वीकार किया, बल्कि बहू बनी अलका का विधिवत गृह प्रवेश भी करवाया। जहां आमतौर पर समलैंगिक विवाहों को सामाजिक विरोध का सामना करना पड़ता है, वहीं सोनम के परिवार ने अपने खुले विचारों का परिचय देते हुए अपनी बहू का स्वागत किया। अब सोनम और अलका कुछ दिन नौगांव में रहने के बाद असम रवाना हो गई हैं।
सास ने कराया बहू का गृह प्रवेश
मामला तब और मजेदार हो गया जब सोनम के परिजनों ने इस समलैंगिक शादी को स्वीकार किया और फिर बहू अलका का गृह प्रवेश करवाया। अब दोनों कुछ दिन रुकने के बाद असम के लिए रवाना हो गए हैं।
समाजसेवियों ने किया समर्थन
नौगांव में हुई इस अनोखी शादी को लेकर समाजसेवियों ने भी समर्थन जताया है। समाजसेवी तृप्ति कठैल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “प्रेम किसी भी सीमा में बंधा नहीं होता। हर व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह अपनी पसंद के साथी के साथ जीवन व्यतीत करे। झूठे रिश्तों में बंधकर न खुद का जीवन खराब करें, न दूसरों का।”
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