
हेलसिंकी। फिनलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, कम आय वालों के मुकाबले अधिक आय वाले लोगों में ब्रेस्ट और प्रोस्टेट समेत अन्य तरह के कैंसर होने का आनुवांशिक जोखिम अधिक होता है। यह अध्ययन 35 से 80 साल की उम्र के 2,80,000 फिनलैंड वासियों पर हुआ, जिसमें शोधकर्ताओं ने उनके जीनोम्स एकत्रित किए थे। शोधकर्ताओं ने एक अपने अध्ययन में सामाजिक-आर्थिक स्थिति और कई बीमारियों के बीच संबंध की जांच की थी।
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कम संपन्न लोग आनुवंशिक रूप से मधुमेह और गठिया के साथ-साथ अवसाद, शराब और फेफड़ों के कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उल्लेखनीय रूप से, यह अध्ययन उच्च आय वाले देशों में आम तौर पर पाई जाने वाली 19 बीमारियों के बीच संबंध की खोज करने वाला पहला अध्ययन है।
गरीब लोगों को डिप्रेशन, डायबिटीज का खतरा
हेलसिंकी यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन के लीड ऑथर डॉ. फियोना हेगनबीक का कहना है कि अमीरों को ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और अन्य तरह के कैंसर का खतरा जेनेटिकली ज्यादा होता है। जबकि मिडिल क्लास और गरीब लोगों को आनुवांशिक रूप से डिप्रेशन, डायबिटीज, आर्थराइटिस, लंग कैंसर और शराब की लत का जोखिम ज्यादा होता है। वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च को हाई इनकम वाले देशों में होने वाली 19 कॉमन बीमारियों के लिंक की खोज करने वाला पहला अध्ययन माना गया है। डॉ. फियोना हेगनबीक के अनुसार इस शोध से इलाज करने मदद मिलेगी।