
अमेरिकी राज्य हवाई में माउई के जंगलों में लगी आग से मरने वालों की संख्या 93 हो गई है। अमेरिका के एक पिछले 100 साल के इतिहास में यह जंगल में आग लगने की सबसे भीषण घटना है। हवाई के गवर्नर जॉश ग्रीन ने आशंका जताई है कि मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। माउई और लहायना जैसे शहरों में हजारों इमारतें जलकर राख हो चुकी हैं।
भारत से भेजा गया करीब 150 साल पुराना पेड़
अधिकारी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि, ऐतिहासिक रिसॉर्ट शहर में आग इतनी तेजी से कैसे फैल गई। माउई के हवाई द्वीप में लगी जंगल की इस आग में भारत से भेजा गया करीब 150 साल पुराना बरगद का पेड़ भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। यह आग राज्य के इतिहास में सबसे घातक प्राकृतिक आपदा बन गई है। गवर्नर ग्रीन के मुताबिक, हर दिन करीब 15 हजार लोगों को घर छोड़ना पड़ा है।
शवों की पहचान कर पाना मुश्किल
माउई के पुलिस प्रमुख जॉन पेलेटियर ने कहा कि, शवों की पहचान करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि उन्हें सिर्फ शवों के अवशेष मिले हैं। पुलिस को शवों की पहचान करने के लिए डीएनए जांच करानी पड़ेगी और उनके रिश्तेदारों की भी पहचान करनी होगी। राज्य के गवर्नर जोश ग्रीन कहा कि यह हवाई में अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा है। उन्होंने ऐतिहासिक फ्रंट स्ट्रीट का दौरा करने के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हम केवल इंतजार कर सकते हैं और उन लोगों की मदद कर सकते हैं जो जीवित हैं। अब हमारा ध्यान लोगों को जब भी संभव हो एकजुट करना, उन्हें आवास दिलाना और उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है।”
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— Peoples Samachar (@psamachar1) August 13, 2023
छह अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान
गवर्नर ग्रीन ने कहा कि पश्चिमी माउई में कम से सम 2,200 इमारतें नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिनमें से 86 प्रतिशत रिहायशी भवन हैं। तकरीबन छह अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। ग्रीन और अन्य अधिकारियों ने बताया कि 93 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। माउई में कम से दो अन्य जगहों पर भी आग लगी हुई है लेकिन वहां से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। यह आग दक्षिण माउई के किहेई इलाके और पर्वतीय क्षेत्र में लगी है जिसे ‘अपकंट्री’ के तौर पर जाना जाता है।
ग्रीन ने कहा कि अपकंट्री में लगी आग से 544 ढांचे प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 96 प्रतिशत आवासीय हैं। काउंटी के अधिकारियों ने संघीय आपात प्रबंधन एजेंसी और प्रशांत आपदा केंद्र के आंकड़ों के हवाले से शनिवार को फेसबुक पर कहा कि 4,500 लोगों को आश्रय की जरूरत है। इससे पहले, उत्तरी कैलिफोर्निया में बट काउंटी के जंगलों में 2018 में लगी आग में 85 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना को ‘कैम्प फायर’ नाम से जाना जाता है। इससे पूर्व, 1918 में मिनेसोटा के कार्लटन काउंटी के वनों में लगी आग में हजारों घर जलकर राख हो गए थे और सैकड़ों लोगों की जान मौत हो गई थी। इसे ‘क्लोक्वेट फायर’ के तौर पर जाना जाता है।