
जबलपुर। भारतीय रेल पर हरित पहल के अंतर्गत डीजल ईंधन की खपत से ऊर्जा को बचने के लिए अधिक कार्य कर रही है। भारतीय रेल की हरित पहल में मध्य प्रदेश राज्य विशेष महत्व रखता है। विगत वर्षों में पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव के साथ मध्य प्रदेश राज्य भी रेलवे में उत्तरोत्तर विकास की और अग्रसर रहा है।
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विभिन्न निर्माण किए गए
भारतीय रेल विशाल परिवहन का पर्यावरण-अनुकूल साधन है। पर्यावरण संरक्षण के लिए, रेलवे प्रदूषण/जीएचजी उत्सर्जन को कम करने, संसाधनों और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली प्रमुख पहल कर रहा है। रेलवे ने मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 से 2022 तक हरित पहल के अंतर्गत सौर संयंत्र (सोलर प्लांट), बायो टॉयलेट, एलईडी लाइट्स, ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट जैसे विभिन्न निर्माण कार्य किया गया है।
साल 2014 से 2022 तक के कार्य
- सोलर प्लांट :- भारतीय रेल में पहली बार 1.7 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट बीना में स्थापित किया गया है। ये 25 केवी एसी ट्रैक्शन से डायरेक्ट ओएचई को ऊर्जा प्रदान करता है। 65 से अधिक स्थानों पर 8500 किलोवॉट क्षमता के रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाए गए है।
- ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट :- जबलपुर और रानी कमलापति स्टेशनों पर ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लाट के माध्यम से ट्रेन के कोचों की धुलाई की जा रही है।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट :- जबलपुर, खंडवा और सीआरडब्ल्यूएस भोपाल में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट उपलब्ध कराए गए है। जबलपुर, रानी कमलापति, ग्वालियर और सीआरडब्ल्यूएस भोपाल में एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट उपलब्ध कराए गए हैं।
- बायो टॉयलेट :- जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम और खंडवा में 2000 से अधिक कोचों को 100 प्रतिशत बायो टॉयलेट प्रदान किया गया है।
- एलईडी लाइट्स :- 519 रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्मों और सभी भवनों पर 100 प्रतिशत एलईडी लाइट्स प्रदान की गई है।
- वॉटर रीसाइक्लिंग एवं रैन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट :- जबलपुर, भोपाल, इटारसी, कटनी, सतना एवं ग्वालियर में वॉटर रीसाइक्लिंग प्लांट उपलब्ध कराया गया है। 70 से अधिक स्थानों पर रैन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी स्थापित किए गए है।
इन क्षेत्रीय रेलवे का विशेष योगदान
मध्य प्रदेश में हरित पहल के अंतर्गत रेलवे में निर्माण कार्यों के विकास के लिए 06 क्षेत्रीय रेलवे जिसमें पश्चिम मध्य रेल, पश्चिम रेलवे, मध्य रेल, उत्तर मध्य रेल, दक्षिण पूर्व मध्य रेल एवं पूर्व मध्य रेल का विशेष योगदान रहा है। इन सभी रेलवे ने अपनी निर्माण कार्य को गति प्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ है। जिसमें पश्चिम मध्य रेलवे ने मध्य प्रदेश के उतरोत्तर विकास में रेलवे के नये आयामों को बढ़ाया है।