Shraddha Paksha
वृद्ध बोले- बच्चे जीते जी गेंद की तरह यहां-वहां फेंकते रहे, उनसे तर्पण की उम्मीद क्यों रखें
भोपाल
24 September 2024
वृद्ध बोले- बच्चे जीते जी गेंद की तरह यहां-वहां फेंकते रहे, उनसे तर्पण की उम्मीद क्यों रखें
पल्लवी वाघेला-भोपाल। बच्चों को हमेशा अपनी छाया में रखते हैं, ताकि जिंदगी की धूप उन्हें झुलसा न दे। उनके सपनों…
जीते जी नहीं की मां-बाप की कद्र, अब श्राप के डर से तर्पण करने वृद्धाश्रम में ढूंढ रहे उनकी निशानियां
भोपाल
4 October 2023
जीते जी नहीं की मां-बाप की कद्र, अब श्राप के डर से तर्पण करने वृद्धाश्रम में ढूंढ रहे उनकी निशानियां
भोपाल। वृद्धाश्रम में माता-पिता को छोड़ने के बाद अधिकतर लोग उन्हें पलटकर भी नहीं देखते। ज्यादातर मामलों में दाह संस्कार…