
मंदसौर। जिले के गांधी सागर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए विशेष बाड़े में गुरुवार शाम अचानक आग लग गई। ये आग तेजी से फैलने लगी और स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती चली गई। फायर ब्रिगेड और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग और कड़ी मशक्कत के बाद करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया जा सका।
यह घटना शाम करीब 4 बजे की बताई जा रही है। आग की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे। आग को नियंत्रित करने के लिए भानपुरा, रामपुरा और मनासा से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया।
नाइजीरिया से चीते लाने का प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार, श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क के बाद अब गांधी सागर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट के तहत चीते बसाने की योजना तैयार की जा रही है। इस परियोजना को सफल बनाने के लिए यहां जोर शोर से तैयारी भी हो रही है। यह क्षेत्र अभयारण्य के चेनपुरिया गांव (रावलीकुड़ी) के अंतर्गत आता है। बताया जा रहा है कि योजना के तहत नाइजीरिया से चीते लाने का प्रस्ताव रखा गया है।
नुकसान का आकलन लगाने की कोशिश कर रहे अफसर
एक ग्रामीण कन्हैया लाल ने बताया कि आग का दायरा और इससे हुए नुकसान का आकलन फिलहाल वन विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। हालांकि, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग से कई पेड़ों को नुकसान हुआ है, लेकिन किसी भी वन्य प्राणी के हताहत होने की खबर नहीं है।
इससे पहले भी बारिश के दौरान चीता प्रोजेक्ट के लिए बनाए गए बाड़े में काफी नुकसान हुआ था, जिससे परियोजना के प्रबंधन पर सवाल खड़े हुए थे। आग और बारिश के इन घटनाक्रमों ने बाड़े की संरचना और सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता को उजागर किया है।