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प्रदेश के कई आईएएस अफसरों का कलेक्टर बनने का सपना टूटा

इधर, प्रशासनिक सर्जरी की खबर से 50 अफसरों की उम्मीदें जागी

भोपाल। प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी कभी हो सकती है। इस खबर से जहां पचास से अधिक आईएएस अफसरों को कलेक्टर बनने की उम्मीद द जागी है वहीं एक दर्जन से अधिक उन सेवानिवृत्त अफसरों में नाराजगी है जो कभी कलेक्टर नहीं बन पाए। एक पूर्व आईएएस यहां तक कहते हैं कि सरकार कोई भी हो, हम जैसे लोगों के लाइफ टाइम ड्रीम का मर्डर कर दिया जाता है। इसके साथ ही प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट होते ही दो दर्जन ऐसे आईएएस अफसरों को उम्मीद जागी है कि उन्हें भी पहली बार कलेक्टर बनने का मौका मिलेगा। इसके अलावा कई अफसर ऐसे हैं जो कलेक्टर बनने की चाह में सीनियर हो चुके हैं। ऐसे भी आईएएस मैदानी पोस्टिंग चाह रहे हैं जो एक बार ही कलेक्टर बन पाए हैं। वर्ष 2013 बैच के आठ अफसर दूसरी पोस्टिंग की उम्मीद लगाए हैं। बीएस कुलेश, आश्कृत तिवारी, पतीराम कतरोलिया, रवि डफरिया, अशोक शर्मा, योगेश शर्मा आदि ऐसे आईएएस हैं जो कलेक्टर नहीं बन पाए।

राज्य प्रशासनिक सेवा से IAS बने

कई अफसरों को भी नहीं मिला मौका राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस ष्बने कई अफसर कलेक्टर नहीं बन पाए हैं जबकि सीधी भर्ती वाले अफसर दो-दो बार कलेक्टरी कर चुके हैं। ब्यूरोक्रेट्स में वर्ष 2008 बैच से लेकर 2014 के बीच एक मात्र उर्मिला शुक्ला हैं जो एक बार भी कलेक्टर नहीं बन पार्इं और उनका रिटायरमेंट नजदीक आ चुका है। सूत्र बताते हैं कि प्रशासनिक सर्जरी में वर्ष 2015 बैच के अफसरों को पहली बार कलेक्टर बनने का मौका मिल सकता है। लेकिन, इसके पहले वर्ष 2014 बैच के कई प्रमोटी आईएएस उम्मीद लगाए बैठे हैं।

2009 से 2014 तक के एक बार ही बन पाए कलेक्ट

साल 2009 से 2014 तक के बैच के आईएएस एक बार ही कलेक्टर बन पाए हैं। इनमें शैलबाला मार्टिन, राकेश श्रीवास्तव, वंदना वैद्य, अनुभा श्रीवास्तव, प्रबल सिपाहा, शशिभूषण सिंह, गनेश शंकर मिश्रा, तन्वी सुन्द्रियाल, शनमुगा मिश्रा, छोटे सिंह, दिनेश श्रीवास्तव, आरपीएस जादौन, हरजिंदर सिंह, गौतम सिंह, मुजीबुर रहमान, संजय कुमार मिश्रा, अजय कटेसरिया, निधि निवेदिता, रोहित सिंह, केडी त्रिपाठी, अरुण परमार है। 2013 बैच के रिषि गर्ग, रजनी सिंह, मयंक अग्रवाल, सोमेश मिश्रा, कृष्णा चैतन्य, उमा माहेश्वरी, कैलाश बानखेड़े, किशोर कुमार कन्याल और 2014 बैच के साकेत मालवीय हैं। अब 2015 बैच के आईएएस को कलेक्टर बनाने की शुरुआत हो गई है।

एक नजर: किस बैच के कौन अब तक नहीं बने कलेक्टर

2008: उर्मिला शुक्ला 2010: अशोक चौहान, चंद्रशेखर बालिंबे, सपना निगम (प्रमोटी)

2011: नेहा मारव्या (सीधी भर्ती), वीरेन्द्र कुमार, गिरीश शर्मा, सरिता बाला प्रजापति, हरी सिंह मीना, उषा परमार, प्रीति जैन (प्रमोटी)।

2012: भारती जाटव ओगरे, राजेश ओगरे, दिनेश मौर्य, केदार सिंह, विवेक श्रोत्रिय (प्रमोटी)।

2013: पवन जैन, नीरज वशिष्ठ, मनीषा सेतिया, अमर बहादुर (प्रमोटी), सीधी भर्ती के सभी 17 आईएएस कलेक्टर बन चुके हैं।

2014: जमुना भिडे, अंजू पवन भदौरिया, नीतू माथुर, रियाज अहमद खान, विनय निगम, दिलीप कुमार कापसे (प्रमोटी)। सीधी भर्ती के सभी 16 अफसर कलेक्टर बन चुके हैं।

सरकार लाइफ टाइम ड्रीम का मर्डर करती है

सरकार किसी की हो लेकिन प्रमोटी आईएएस अफसरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। किसी को एक बार भी कलेक्टर नहीं बनाया जाता तो किसी को चार-चार जिलों का कलेक्टर बनने का मौका मिलता है। हमारे लाइफ टाइम ड्रीम का मर्डर होता है। बीएस कुलेश, पूर्व आईएएस

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