जबलपुरमध्य प्रदेश

भातखंडे संगीत महाविद्यालय जैसी संगीत संस्थाओं को देनी चाहिए नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में जगह

शहर की अन्य पुरानी संस्थाओं के पास भी नहीं है जगह का जुगाड़, एक साथ संचालन से मिलेगा संगीत प्रेमियों को लाभ

जबलपुर. स्मार्ट सिटी ने घंटाघर के पास विशालकाय कन्वेंशन सेंटर बनाया है जो पूर्णता की ओर है। शहर में सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए इसका निर्माण करवाया गया है। वहीं दूसरी ओर विसंगति देखिए कि बना-बनाया संगीत का मंदिर उजाड़ा जा रहा है। ठीक है कि विकास के लिए  इसकी बलि चढ़ना जरूरी है मगर और भी कई ऐसी संगीत संस्थाएं शहर में चल रही हैं जिनके पास न तो अपना भवन है और न ही भूमि का जुगाड़ है।

जल्द पूरा हो जाएगा कन्वेंशन सेंटर का काम

कन्वेंशन सेंटर का निर्माण 55 करोड़ रुपए से करवाया जा रहा है। कुछ ही दिनों में यह तैयार भी हो जाएगा। इसकी कीमती भूमि का मूल्य शामिल कर लिया जाए तो यह आराम से अरब पर पहुंच जाएगा। यहां पर 1-2 मंजिल और ज्यादा ऊंचाई हो जाए और शहर की भातखंडे या ऐसी अन्य संस्थाओं को जगह दी जा सकती है। जो अपना संगीत सिखाने का काम कर सकें। चूंकि ऐसी संस्थाओं का लक्ष्य व्यवसायिक नहीं होता और ये सेवा भाव से संचालित होती हैं लिहाजा इन्हें नि:शुल्क जगह दी जा सकती है। इसके संचालन का खर्च सांस्कृतिक आयोजनों से निकाला जाना असंभव है।

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ननि के पास नहीं है जगह की कमी

यह तो एक विकल्प है जहां कई संस्थाओं को ठौर मिल सकता है। इसके अलावा भी यदि बात की जाए तो नगर निगम शहर में बेशुमार संपत्तियों का मालिक है। चाहे भातखंडे संगीत महाविद्यालय हो या ऐसी ही अन्य संस्थाएं जो लंबे समय से संचालित हैं को जगह देना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि ऐसी संस्थाएं उंगलियों पर गिनने लायक ही होंगी।

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घंटाघर के पास निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर का कार्य शीघ्र ही पूरा हो रहा है। इसके उपरांत यहां पर सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र होगा। संगीत संस्थाओं को जगह देने का निर्णय शासन का है।
निधि सिंह राजपूत, सीईओ, स्मार्ट सिटी।

मैंने भातखंडे संगीत महाविद्यालय से 1992 से शिक्षा ग्रहण की है और शास्त्री संगीत में एमए भी किया है। मैं वर्तमान में अपना  श्री कला संगीत महाविद्यालय का संचालन भी कर रही हूं। मैंने जो कुछ भी संगीत सीखा है एक बूंद भी मुझमें है तो वह भातखंडे महाविद्यालय के कारण है। इसे बचाया जाना चाहिए।
करुणा खरे,शास्त्रीय गायक कलाकार।

मैंने 2001 में भातखंडे संगीत  महाविद्यालय में अपनी शास्त्रीय गायन की एमए की शिक्षा ली थी। वर्तमान में मैं फिल्म जगत में हूं। 20 साल से मुंबई शिफ्ट हूं। ईवेंट मैनेजमेंट का काम करता हूं। विकास आवश्यक है मगर इस संगीत के तीर्थ को अन्यत्र शिफ्ट किया जाना चाहिए और वे सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए जिसकी इसे जरूरत है।
विनय मोरे, ईवेंट मैनेजर, शास्त्रीय गायक, मुंबई।

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