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Covid-19 : कोरोना के नए वैरिएंट FLiRT की भारत में एंट्री, सिंगापुर में फिर से मास्क लगाने को कहा; जानिए इस New Variant के बारे में…

हेल्थ डेस्क। दुनिया जैसे ही कोरोना वायरस को भूलने लगती है कि वैसे ही कोरोना का एक और नया वैरिएंट आ जाता है, जो फिर से लोगों की नींद उड़ा देता है। ऐसा ही कुछ कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट ने भी किया है, जिसे FLiRT (फिलर्ट) नाम दिया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर सहित कई देशों में इस नए वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं इस नए वैरिएंट की एंट्री अब भारत में भी हो चुकी है। इस संक्रमण के बढ़ते मामले के चलते सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर से जनता से मास्क पहनने की अपील की है।

हॉस्पिटल में एडमिट होने के मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, ग्लोबल लेवल पर कोविड-19 का JN.1 और इसके सब-वैरिएंट चिंता का विषय हैं, जिनमें KP.1 और KP.2 शामिल हैं। ग्लोबल हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने KP.2 को वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग के रूप में रखा है। अब तक KP.2 के कारण COVID-19 मेट्रिक्स में वृद्धि नहीं हो रही है। WHO ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “वैश्विक स्तर पर परीक्षण और अनुक्रमण की घटती दरों के साथ, उभरते SARS-CoV-2 वेरिएंट की गंभीरता के प्रभाव का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। ऐसे में नए वैरिएंट के आकड़े अब तक सामने नहीं आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते मामलों से भारत में फिलहाल हॉस्पिटल में एडमिट होने और गंभीर मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इसलिए चिंता या घबराहट की कोई बात नहीं है।

सिंगापुर में लोगों से मास्क पहनने को कहा

पिछले कुछ समय से अमेरिका, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड में कोरोना के मामले बढ़ने का कारण FLiRT ही है जिस कारण वहां पर COVID-19 लहर की आशंका फिर से बढ़ गई है। KP.2 और KP.1, दोनों सिंगापुर में कोरोना के मामलों में अचानक हुई बढ़त के लिए जिम्मेदार हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने वहां पर 5 से 11 मई तक 25,900 से अधिक मामले दर्ज किए है और ये मामले हर हफ्ते दोगुने हो रहे हैं। सरकार ने एक स्वास्थ्य सलाह जारी कर लोगों से फिर से मास्क पहनने को कहा है।

क्या है FLiRT?

कोरोना वायरस के दो नए सब-वैरिएंट KP.2 और KP.1 को ‘FLiRT’ नाम दिया गया है। ‘FLiRT’ ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स का एक ग्रुप है और ये दोनों इस ग्रुप के अंदर ही आते हैं। KP.1 और KP.2 को ‘FLiRT’ उपनाम वैज्ञानिकों ने उनके म्यूटेशन के तकनीकी नाम के आधार पर दिया है। FLiRT में शामिल KP.2 और KP.1, ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1 के वंशज हैं जिसने पिछले साल काफी तबाही मचाई थी। जापान के रिसर्चर्स की स्टडी के मुताबिक, KP.2 की संक्रामकता JN.1 की तुलना में काफी (10.5 गुना) कम है।

कैसे पड़ा FLiRT नाम ?

अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस नए सब वेरिएंट को FLiRT नाम कैसे दिया गया। असल में FLiRT में KP.1.1 और KP.2 ये दो म्यूटेंट हैं। अब KP.2 से आया ‘FL’ फिर KP.1.1. से आया ‘RT’. बस इसी तरह से FL और RT को i से जोड़कर FLiRT नाम दिया गया।

कोरोना के नए वैरिएंट FLiRT के लक्षण

  • स्वाद और स्मेल का जाना।
  • गले में दर्द होना या गला खराब होना।
  • खांसी और बंद नाक।
  • कई मामलों में नाक बहना भी देखा गया।
  • थकान व कमजोरी महसूस होना।
  • सिर दर्द और मांसपेशियों या शरीर में दर्द।
  • ठंड लगने के साथ बुखार आना।

भारत में भी नए वैरिएंट के केस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट फिलर्ट के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। अब तक भारत में 250 केस दर्ज किए गए हैं। अधिकांश मामलों के लिए KP.2 और KP1.1 को जिम्मेदार ठहराया माना जा रहा है। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट KP.2 के 91 मामलों की पहचान की गई है, जो राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि को दर्शाता है। 15 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, पुणे में सबसे अधिक 51 लोगों को इस नए वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है, ठाणे 20 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। अमरावती और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में 7-7 मामले दर्ज किए गए।

Covid 4th Wave

अब तक कोरोना के ये वैरिएंट आ चुके हैं सामने

2020 के दिसंबर में Covid-19 के तीन बड़े वैरिएंट देखे गए थे। जिसमें अल्फा (बी.1.1.7), बीटा (बी.1.351), और गामा (पी.1)। इसके बाद दिसंबर 2021 में ओमिक्रॉन वैरिएंट ने लॉकडाउन में ढील शुरू होने के कुछ ही महीनों बाद दुनिया को घरों में वापस भेज दिया।

2022 दिसंबर में कोरोना का कोई नया खतरनाक वैरिएंट सामने नहीं आया था, लेकिन हमने बीए.2 और बीए.5 जैसे सब वैरिएंट को जरूर देखा, जो कोरोना वायरस की ओमिक्रॉन के भीतर ही मौजूद थे। इस साल JN.1 नाम का नया वैरिएंट आया, जो ओमिक्रॉन से पैदा हुआ है।

JN.1 ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना हुआ है। साल 2022 की शुरुआत में BA.2.86 ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी का कारण था। BA.2.86 व्यापक रूप से नहीं फैला था, लेकिन उसने अपने म्यूटेशन से विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया था, क्योंकि BA.2.86 के स्पाइक प्रोटीन पर म्यूटेशन हुए थे और उसी तरह JN.1 के स्पाइक प्रोटीन में भी एक अतिरिक्त म्यूटेशन पाया गया है।

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