जबलपुर। विधायक संजय यादव के बेटे की पीएम रिपोर्ट आ चुकी है। पीएम रिपोर्ट के अनुसार विभव के सिर की हड्डी में गोली फंसी मिली। विभव का आज सुबह मेडिकल कॉलेज में पीएम हुआ। विभव ने दाईं कनपटी में रिवॉल्वर से सटाकर गोली मारी थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग अध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने पीएम किया। दाईं कनपटी पर सटाकर गोली मारने की वजह से वेग नहीं बन पाया था। इसकी वजह से वह सिर की हड्डी में ही फंस गया। एफएसएल टीम की मौजूदगी में कारतूस और विभु के कपड़े जब्त किए गए। डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि सिर में गोली लगने के तुरंत बाद विभव की मौत हो गई होगी।

आज विभव को दी अंतिम विदाई
जबलपुर कलेक्टर के निर्देश पर विभव के शव का पीएम सुबह ही करा लिया गया। पीएम के दौरान मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे। इसके बाद शव को हाथीताल स्थित विधायक निवास लाया गया। यहां से सुबह 11 बजे शव को दद्दा घाट घाना तिलवारा ले जाया गया। यहां विधायक के फार्म हाउस के पास बने घाट में विभव को अंतिम विदाई दी गई।
पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से किया सुसाइड
11 नवंबर को हाथीताल स्थित अपने घर में पिता संजय यादव के कमरे में बने चेंजिंग रूम में गोली मारी थी। ये गोली उसके सिर में ही फंस गई थी। गुरुवार को एफएसएल टीम ने कमरे की तलाशी के दौरान गोली ढूंढने का प्रयास किया। शुक्रवार को पीएम के बाद सिर की हड्डी में फंसी गोली को निकाला गया। पुलिस इसे और रिवॉल्वर को फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवाएगी।
विभव को परिवार वाले आगे की पढ़ाई के लिए US भेजना चाहते थे
जबलपुर में बरगी से कांग्रेस विधायक संजय यादव के छोटे बेटे विभव ने गुरुवार को लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। विभव के सुसाइड ने परिवार के सपनों पर पानी फेर दिया। परिजन बताते हैं कि वह पढ़ाई में काफी होशियार था। कसके कारण ही परिजन विभव को आगे की पढ़ाई के लिए US भी भेजना चाहते थे। विभव ने 12वीं में अतिरिक्त विषय के तौर पर साइकोलॉजी लिया था, लेकिन परिवार वालों को इसके बारे में जानकारी नहीं थी। विभव के सुसाइड की खबर से सभी लोग हैरान है कि आखिर यह कदम उसने क्या उठाया।
हैदराबाद से आए हुए थे मौसा-मौसी
हाथीताल गोरखपुर में विधायक संजय यादव का पैतृक घर है। विधायक यादव के दो बेटों में बड़ा समर्थ और छोटा विभु यादव थे। छोटा विभु सत्यप्रकाश स्कूल में 12वीं में पढ़ रहा था। जबकि समर्थ कॉलेज की पढ़ाई कर रहा है। समर्थ ही सबसे पहले दरवाजा तोड़कर भाई के पास पहुंचा था। पिता को सूचना देकर वह विभु को लेकर भंडारी अस्पताल भागा था। बताया जा रहा है कि हैदराबाद में रहने वाले उसके मौसा-मौसी बुधवार को आए थे। उनके आने से वह बहुत खुश था। विभु की मां सीमा यादव अपनी बहन व उसके पति के साथ भोपाल के लिए दोपहर में निकली थी। वहां उनकी बहन की भतीजी अमेरिका से आने वाली थी। उन्हें करेली से लौटना पड़ा। सीमा यादव ही चरगवां सिवनी टोला पेट्रोल पंप का काम संभालती थी। घटना के समय घर में अकेला विभव और नौकर हरिनाथ सिंह और उसकी पत्नी ही मौजूद थीं।
दोस्तों को भेजा था गुडबाय और अच्छे से रहने का मैसेज
विभव के स्कूल फ्रेंड करीब 3 बजे के लगभग पहुंचे। विभु ने पांचों दोस्तों को गुडबाय और अच्छे से रहने का मैसेज भेजा था। दोस्तों की सूचना पर ही बड़ा भाई समर्थ पहुंचा था। इसके बाद में दरवाजा तोड़ा तो घटना की जानकारी लगी। इसके बाद पिता को खबर देते हुए वह भंडारी अस्पताल ले गए, पर तब तक विभव की मौत हो चुकी थी।
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