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अमेरिकी टैरिफ से सबसे बड़ा असर सिंगापुर पर, पीएम बोले- दुनिया एक खतरनाक आर्थिक युग की ओर बढ़ रही; कीर स्टार्मर ने भी जताई नाराजगी

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि वैश्वीकरण और मुक्त व्यापार का दौर अब अतीत की बात हो चुका है। उन्होंने आगाह किया कि दुनिया अब एक नए युग में प्रवेश कर रही है, जो अनिश्चितताओं और खतरों से भरा होगा। वोंग ने कहा कि लोगों को इस नए युग की तैयारी अभी से कर लेनी चाहिए, क्योंकि आने वाला समय तयशुदा नहीं है। वैश्विक स्तर पर बदलाव की रफ्तार तेज हो गई है और यह स्थिति बार-बार बदल सकती है। इसलिए, रणनीतिक रूप से सजग रहना जरूरी है।

सिंगापुर पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर

पीएम वोंग ने अमेरिका के टैरिफ नीति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है और एक बड़े ट्रेड वॉर का कारण बन सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सप्लाई चेन में बाधा उत्पन्न होने से छोटे और व्यापार-निर्भर देशों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। विशेष रूप से सिंगापुर जैसे देशों के लिए, टैरिफ एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है क्योंकि सिंगापुर जैसे देश पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर हैं।

ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर का भी सुर बदला

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी शनिवार को एक लेख के माध्यम से ग्लोबलाइजेशन के अंत की घोषणा की। उन्होंने माना कि अब यह मॉडल आम लोगों को लाभ नहीं पहुंचा पा रहा है। स्टार्मर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ निर्णय पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अब दुनिया भर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और देश घरेलू उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को वे ब्रिटिश जनता को संबोधित करते हुए इस विषय पर विस्तार से बात करेंगे।

टैरिफ से सबसे बड़ा असर सिंगापुर पर

ट्रम्प द्वारा सिंगापुर पर लगाए गए 10% टैरिफ को दर के हिसाब से कम माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सबसे गहरा असर सिंगापुर पर ही होगा। सिंगापुर एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र है और अगर अमेरिका, चीन, भारत जैसे बड़े देशों के बीच व्यापार कम होता है तो इसका सीधा असर सिंगापुर की लॉजिस्टिक्स और शिपिंग इंडस्ट्री पर पड़ेगा। इससे नौकरियों में कटौती, महंगाई और आर्थिक सुस्ती की आशंका जताई जा रही है।

आखिर क्या है ग्लोबलाइजेशन

ग्लोबलाइजेशन यानी वैश्वीकरण का अर्थ है दुनिया के देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से जुड़ाव बढ़ाना। इसका चरम दौर 1991 के बाद शुरू हुआ, जब सोवियत यूनियन का पतन हुआ और दुनिया ने विदेशी व्यापार के लिए दरवाजे खोल दिए। कम टैक्स, खुले बाजार और वैश्विक व्यापार ने उपभोक्ताओं को सस्ती और विविध चीजें उपलब्ध कराईं और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए। लेकिन अब, अमेरिका जैसे देश अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए वैश्विक व्यापार से दूरी बना रहे हैं।

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