
जबलपुर। होली है।कानों में ये सुनते ही दिल और दिमाक में रंगों की ब्यौछार दिखाई देने लगती है। फागुन माह की शुरूआत होते ही कलाकार होलिकायें बनाना शुरू कर देते है। इस पारंम्परा को आज युवा भी अपने हाथों से रंग भर रहें है। हम बात कर रहें है उन कलाकारों की जो अपने पूर्वजों से कला सीखकर आज उन्हें निखार रहें है। शहर में तरह-तरह की होलिका प्रतिमायें बनना शुरू हो गई है। इनमें कुछ फिल्मी स्टाइल की हैं तो कुछ पारंम्पगत प्रतिमायें तैयार की जा रही है।
युवतियां भी बना रही है प्रतिमायें
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज कई युवतियां ऐसी है जो अपने माता पिता से कलाकृति सीख कर होलिका प्रतिमायें बना रही है। ऐसी ही एक कलाकार सीमा प्रजापति ने बताया कि उन्होंने ये हुनर अपने माता पिता से सीखा है। और वे बचपन से ही मूर्तियां बना रही है।
कहीं फिल्मी तर्ज पर तो कहीं बन रही पाम्परागत प्रतिमायें
कलाकारों ने बताया कि इस वर्ष होलिका उत्सव में कई प्रकार की प्रतिमायें बनाई जा रही है। इनमें फिल्मी तर्ज पर पुष्पा तो पाम्परागत में साधारण प्रतिमायें भी बनाई जा रही है। जिनकी डिमांड ज्यादा है। फिलहाल जगह –जगह पर प्रतिमायें का बनना शुरू हो गया है।
10 ईंच से लेकर 10 फुट तक बन रही प्रतिमायें
इस संबंध में कलाकार जगदीश प्रजापति ने बताया कि इस साल दस ईंच से लेकर दस फुट तक की प्रतिमायें बनाई जा रही है। इनमें कलाकारों को बहुत मेहनत लगती है। हालांकि पाब्लिक की मांग हैं कि प्रतिमायें अच्छी और सुदंर बनाई जायें।