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टेंट मंदिर में रामलला के दर्शन बंद, अब 23 जनवरी से भव्य मंदिर में होंगे दीदार

अयोध्या में सीएम योगी ने की तैयारियों की समीक्षा, मोदी कल पहुंचेंगे

अयोध्या से राजीव सोनी। अयोध्या में 19 जनवरी की तारीख भी बड़े बदलाव के बतौर इतिहास में दर्ज हो गई। शयन आरती के बाद भक्तों के लिए टेंट में विराजित रामलला के सामान्य दर्शन बंद कर दिए गए। 22 की दोपहर प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहुर्त है। इसलिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है। रामलला अब अपने भक्तों को 23 जनवरी से भव्य नवीन मंदिर के गर्भगृह में दर्शन देंगे। भगवान राम के बाल स्वरूप वाले श्याम शिला विग्रह के नवीन दिव्य दर्शन भी साथ में हो सकेंगे।

सीएम योगी आदित्य नाथ भी दिन भर अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा करते रहे। मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था शुक्रवार से एसपीजी, रैपिड एक्शन फोर्स और एटीएस ने अपने हाथ में ले ली। एसपीजी के 300 और एटीएस के 100 से ज्यादा कमांडो ने मंदिर परिसर की सुरक्षा संभाल ली है। ऊंचे भवनों से मंदिर परिसर की फोटोग्राफी पर भी रोक रहेगी। अयोध्या आने वाले वाहनों को शुक्रवार से ही रोकना शुरू कर दिया गया। ट्रेनें भी डायवर्ट की गई हैं।

उप्र के सीएम योगी आदित्य नाथ ने प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के संदर्भ में विद्वतजन और पंडितों से चर्चा की। वह मंदिर के गर्भगृह पहुंचे और हनुमानगढ़ी में जाकर पूजा-अर्चना की। अधिकारियों के साथ बैठकर कार्यक्रम की तैयारी और दर्शनार्थियों की सुविधा के संबंध में विचार-विमर्श करते रहे। वहीं पीएम मोदी के प्रमुख सचिव रहे और मंदिर निर्माण समिति प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा भी प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर परिसर का अवलोकन करते रहे।

1992 से टेंट में हैं रामलला: श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला दिसंबर 1949 को दैवीय घटना के रूप में प्रकट हुए थे। उसके बाद 43 साल तक गुंबद के नीचे विराजित रहे। बाबरी गुंबद ध्वंस 1992 के बाद से रामलला का पूजन टेंट-तंबू के अस्थायी मंदिर में चल रहा था। शुक्रवार 19 जनवरी को जनसामान्य के लिए रामलला ने टेंट में अंतिम दर्शन दिए। अब नए मंदिर के गर्भगृह में 23 जनवरी से पुन: दर्शन हो सकेंगे।

अधूरे कार्यों को पूर्ण करने की जद्दोजहद: मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़े निर्माण कार्यों को 4 हजार मजदूर 24 घंटे अंतिम रूप देने में जुटे हैं। शहर में युद्धस्तर पर सफाई का काम हो रहा है।

मंदिर के पास घरों पर निगरानी: सुरक्षा के कड़े प्रबंध हैं। मंदिर परिसर के आसपास मौजूद घरों के बाशिंदों को छतों पर न जाने को कहा गया है।

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