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सीएम के निर्देश के 7 साल बाद भी न रिटेनिंग वॉल टूटी, न जिम्मेदारों से हुई राशि की वसूली

बड़ी झील : एफटीएल के 50 मीटर अंदर निर्माण

शाहिद खान भोपाल। राजधानी की लाइफ लाइन यानी बड़ी झील के संरक्षण को लेकर सरकारी स्तर पर दावे चाहे जितने भी किए जाते हों, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। वेटलैंड नियम कहता है कि एफटीएल से 50 मीटर दायरे में निर्माण प्रतिबंधित है। इस नियम को एक दशक से ज्यादा वक्त से कर्बला पंप हाउस से खानूगांव रिजवान बाग तक बनी 2.6 किमी लंबी रिटेनिंग वॉल मुंह चिढ़ा रही है। हैरानी की बात है कि रिटेनिंग वॉल को खुद सीएम ने तोड़ने का आदेश दिया था। तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने भी गलत प्लानिंग से बनी रिटेनिंग वॉल पर हुए खर्च की राशि अफसरों से वसूलने का दावा किया था। लेकिन 7 साल बाद भी न तो रिटेनिंग वॉल टूटी और न ही इस पर खर्च हुई रकम की वसूली हुई। इस मामले को लेकर सिटीजन फोरम मुखर होने वाला है।

2016 में बड़ी झील में एफटीएल से 50 से 200 मीटर अंदर तक रिटेनिंग वॉल बनाने का मुद्दा तब सुर्खियों में आया था, जब सिटीजंस फोरम ने इसे झील को खत्म करने की साजिश बताया था। निगम ने विरोध को नजरअंदाज कर काम जारी रखा, लेकिन जुलाई में तेज बारिश में रिटेनिंग वॉल डूब गई। इसके बाद ये मुद्दा गर्मा गया। 2 अगस्त 2016 को सीएम ने रिटेनिंग वॉल का जायजा लिया। तब तत्कालीन निगम आयुक्त ने स्वीकार किया था कि कुछ जगहों पर वॉल एफटीएल के भीतर बनी है। इस पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम को रिटेनिंग वॉल तोड़ने का आदेश भी दिया था।

एफटीएल के अंदर ये निर्माण भी कराए : रिटेनिंग वॉल बनाने पर करीब आठ करोड़ खर्च होने का हवाला देते हुए वॉल को नहीं तोड़ा गया। इतना ही नहीं, झील के एफटीएल में वीआईपी रोड किनारे लेक व्यू फ्रंट का निर्माण शुरू कराया। एफटीएल में ही वन विहार रोड पर वॉटर स्क्रीन लेजर शो ऑडीटोरियम का निर्माण शुरू कराया गया। ऑडिटोरियम की पार्किंग के लिए एफटीएल से 20 मीटर अंदर करीब 20 फीट लंबी रिटेनिंग वॉल भी बनवा दी गई। इसके अलावा अन्य निर्माण कार्य भी नगर निगम ने कराए हैं।

अपनी निगरानी में बनवाई रिटेनिंग वॉल, बाद में झाड़ा पल्ला : बड़ी झील में 50 से 200 फीट अंदर लोएस्ट लेवल पर रिटेनिंग वॉल बनने में करीब ढाई साल का वक्त लगा था। तत्कालीन आयुक्त विशेष गढ़पाले की निगरानी में प्रोजेक्ट और डीपीआर बनी। तत्कालीन आयुक्त तेजस्वी एस नायक ने अपनी निगरानी में झील के लोएस्ट लेवल पर रिटेनिंग वॉल की नींव रखवाई। जब तत्कालीन आयुक्त छवि भारद्वाज ने निगम की कमान संभाली, तब तक 2600 मीटर लंबी वॉल का 75 फीसदी काम पूरा हो चुका था।

बड़ी झील के संरक्षण के लिए आई थी रकम

नगर निगम ने 2016 में खानूगांव किनारे लेक फ्रंट डेवलपमेंट पर 13 करोड़ रुपए खर्च किए थे। केंद्र से मिली इस राशि में से आठ करोड़ से रिटेनिंग वॉल बनाई गई। खानूगांव से वीआईपी रोड तक 2680 मीटर दायरे में पाथ-वे, साइकिल ट्रैक व फूड जोन बनाना तय किया गया था, लेकिन बनाई रिटेनिंग वॉल। 6 मीटर ऊंची ये वॉल हर साल बारिश में डूब जाती है। पानी इसे क्रॉस कर 20 फीट तक पहुंच जाता है।

नियमों को नजरअंदाज कर रिटेनिंग वॉल बनाई गई। विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने खुद इसका निरीक्षण किया था। उन्होंने माना था कि रिटेनिंग वॉल एफटीएल से अंदर बनाई गई है। उन्होंने तोड़ने के निर्देश नगर निगम को दिए थे। लेकिन निगम ने अब तक इसका पालन नहीं किया। इस संबंध में सीएम को पत्र लिखा गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हम तब तक लेड़ेंगे, जब तक कि रिटेनिंग वॉल तोड़ी नहीं जाती। -संजय पटेल, सिटीजन फोरम

बड़ी झील के संरक्षण संबंधी राज्य सरकार की गाइडलाइन पहले से तय है। एनजीटी ने भी तालाब के एफटीएल से 50 मीटर दूर तक किसी भी तरह के निर्माण को अवैध बताया है। इसके बावजूद झील के एफटीएल से अंदर रिटेनिंग वॉल बनाई गई। सीएम ने खुद रिटेनिंग वॉल को तोड़ने के निर्देश दिए, जिसका निगम ने पालन नहीं किया। साफ है कि निगम मनमर्जी पर उतारू है। -हरीश भावनानी,सिटीजन फोरम

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