
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Mpox यानी मंकीपॉक्स को दो साल में दूसरी बार ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। यह निर्णय कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में वायरल संक्रमण के गंभीर प्रकोप के बाद लिया गया है। जो बाद में बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा जैसे पड़ोसी देशों में फैल गया है।
इससे पहले, अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने एमपॉक्स संक्रमण को लेकर महाद्वीप में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी। इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई थी कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर सकता है।
13 देशों में दे चुका है दस्तक
इस वर्ष अब तक अफ्रीका में 17 हजार से अधिक संदिग्ध एमपीओएक्स मामले और 517 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 160% अधिक है। महाद्वीप पर कुल 13 देशों में मामले सामने आए हैं।
क्या है मंकीपॉक्स ?
- मंकीपॉक्स एक दुर्लभ और गंभीर वायरल बीमारी है। यह बीमारी एक ऐसे वायरस की वजह से होती है, जो स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।
- अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी। तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था। इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था। तब कॉन्गो के रहने वाले एक 9 साल के बच्चे में ये संक्रमण मिला था। 1970 के बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे।
- दुनिया में मंकीपॉक्स का संक्रमण अफ्रीका से फैला है। 2003 में अमेरिका में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे। सितंबर 2018 में इजरायल और ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे। मई 2019 में सिंगापुर में भी नाइजीरिया की यात्रा कर लौटे लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी।
- मंकीपॉक्स को लेकर इंग्लैंड की एजेंसी यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने कहा है कि अब मंकीपॉक्स का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होने लगा है।
एमपॉक्स कैसे फैलता है ?
- संक्रमित व्यक्ति के दाने या छाले के सीधे संपर्क में आने से एमपॉक्स फैल सकता है।
- संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गई वस्तुओं (जैसे कपड़े, बिस्तर, बर्तन) के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है।
- संक्रमित व्यक्ति के लार, खून, या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।
- गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के समय संक्रमित मां से बच्चे में एमपॉक्स फैल सकता है।
क्या हैं इसके लक्षण ?
- मंकी पॉक्स के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं।
- मंकीपॉक्स वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 5 से 21 दिन तक का हो सकता है। इन्क्यूबेशन पीरियड का मतलब ये होता है कि संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखने में कितने दिन लगे।
- मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है।
- बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू होता है। शरीर पर दाने निकल आते हैं। ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूखकर गिर जाते हैं।
एमपॉक्स से कैसे बचें
- नियमित रूप से हाथ धोएं, विशेषकर खाना खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद।
- यदि किसी व्यक्ति को एमपॉक्स के लक्षण दिख रहे हों, तो उनसे संपर्क करने से बचें।
- यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं, तो संक्रमित जानवरों से संपर्क करने से बचें।
इमरजेंसी घोषित करने से क्या होता है ?
जब WHO किसी बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करता है, तो इसका मतलब है कि वह मानता है कि यह बीमारी एक अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है। इस घोषणा के बाद, देशों को इस बीमारी से लड़ने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग मिलता है।
2022 में पिछला mpox आपातकाल
एमपॉक्स का एक अलग प्रकार, क्लैड आईआईबी, 2022 में विश्व स्तर पर फैल गया, मुख्य रूप से पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के बीच यौन संपर्क के माध्यम से। इसने WHO को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के लिए प्रेरित किया, जिसे 10 महीने बाद हटा लिया गया।