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MP गजब है : जिंदा रहते बुजुर्ग ने मनाया मौत का महोत्सव, रिश्तेदारों को भेजे इनविटेशन कार्ड

नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में रहने वाले बुजुर्ग परसराम साहू ने मृत्यु को एक उत्सव मानते हुए अपने जीते जी ‘मृत्यु पूर्व उत्सव’ का आयोजन किया। इसके लिए बकायदा उन्होंने इनविटेशन कार्ड भी बनवाया। आमतौर पर लोग अपने जीवन में जन्मदिन या शादी की सालगिरह का आयोजन करते हैं, लेकिन परसराम साहू ने जीवन को उत्सव और मृत्यु को महोत्सव मानते हुए यह आयोजन किया।

आखिर मृत्यु से पहले उत्सव क्यों

परसराम साहू का मानना है कि मृत्यु को लोग अक्सर दुखद समझते हैं लेकिन उनके विचार में मृत्यु भी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसे भी एक उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिए। परसराम साहू के मुताबित, अगर जीवन उत्सव है तो मृत्यु महोत्सव है। अपने इसी विचार को ठोस रूप देने के लिए मृत्यु पूर्व उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें उन्होंने अपने रिश्तेदारों और मित्रों को आमंत्रित किया और स्नेहभोज का आयोजन किया।

‘मृत्यु पूर्व उत्सव’ का इनविटेशन कार्ड

मां नर्मदा से मिली प्रेरणा

साहू ने बताया कि उन्हें इस आयोजन की प्रेरणा मां नर्मदा की वजह से मिली। उन्होंने मां रेवा के तट पर शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान से अपना पिंड दान किया और इसके बाद शाम को गाने-बजाने के साथ ‘मृत्यु पूर्व उत्सव’ का आयोजन किया। उन्होंने इसमें सभी रिश्तेदारों और मित्रों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया। परसराम इस छोटे जगत से जाने से पहले अपने प्रियजनों के साथ मिलकर यह उत्सव मनाना चाहते थे।

ओशो से हैं प्रभावित

परसराम साहू ने बताया कि वो रजनीश ओशो के विचारों से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि जीवन और मृत्यु एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और हमें उन्हें समझकर जीवन का आनंद लेना चाहिए। साहू का कहना था कि मृत्यु के बाद जो कुछ होता है, उसे मेरे सामने मेरे जीते जी होना चाहिए और इसीलिए उन्होंने इस अनोखे ‘मृत्यु पूर्व उत्सव’ का आयोजन किया।

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