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अमेरिका के साथ मिनरल्स डील करने के लिए तैयार जेलेंस्की, बोले- बहस का फायदा सिर्फ विरोधियों को; ट्रंप को लेकर कही ये बात

लंदन। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के साथ मिनरल्स डील को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर इस समझौते पर पहले बातचीत हो चुकी है, तो इसे आगे बढ़ाया जाएगा। जेलेंस्की ने इस मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बहस पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था। अमेरिका और यूक्रेन के बीच यह खनिज सौदा लगभग फाइनल हो चुका था, लेकिन ट्रंप और जेलेंस्की की तीखी बहस के चलते इसमें रुकावट आ गई थी। अब जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वे इस डील को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

मिनरल्स डील पर हस्ताक्षर के लिए तैयार यूक्रेन

अमेरिका छोड़ने से पहले मीडिया को दिए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि मिनरल्स डील लगभग पूरी हो चुकी है और उसके सभी आधिकारिक कागजात तैयार हैं। अब सिर्फ दोनों देशों के हस्ताक्षर होने बाकी हैं। उन्होंने कहा, “हमारी नीति यह रही है कि जो भी बातचीत हो चुकी है, उसे पूरा किया जाए। अगर हमने मिनरल्स डील पर हस्ताक्षर करने की सहमति जताई थी, तो हम आज भी इसके लिए तैयार हैं। अगर अमेरिका तैयार है, तो हम समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तैयार हैं।”

ट्रंप के साथ बहस पर जेलेंस्की ने दी सफाई

इस डील पर चर्चा के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद यह सौदा अटक गया था। अब इस विवाद पर सफाई देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि उनका इरादा कभी किसी का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था कि अमेरिका यूक्रेन की स्थिति को समझे। मैं 12 घंटे ट्रेन में यात्रा करके और फिर 11 घंटे की फ्लाइट लेकर अमेरिका पहुंचा, क्योंकि मुझे अमेरिकी राष्ट्रपति ने इनवाइट किया था। यह मेरे लिए गर्व की बात थी।”

जेलेंस्की ने यह भी कहा कि व्हाइट हाउस में हुई बातचीत को पूरी तरह सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था, क्योंकि इससे उनके विरोधियों को फायदा हो सकता था। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे इस मुद्दे पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहते।

क्या है अमेरिका और यूक्रेन की मिनरल्स डील

यूक्रेन खनिज संपदा से समृद्ध देश है और उसके पास टाइटेनियम, लिथियम, यूरेनियम समेत 100 से अधिक दुर्लभ खनिजों का भंडार है। अमेरिका लंबे समय से इन खनिजों पर अधिकार हासिल करना चाहता था। इस डील के तहत यूक्रेन अमेरिका को 500 बिलियन डॉलर मूल्य के दुर्लभ खनिज देने पर सहमत हुआ था, जिसके बदले में अमेरिका उसे आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान करेगा। हालांकि, इस समझौते पर ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई बहस के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब जेलेंस्की ने एक बार फिर इस डील को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है।

अमेरिका पर दबाव बना रहा यूक्रेन

विशेषज्ञों का मानना है कि जेलेंस्की अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यूक्रेन को जरूरी सहायता मिल सके। रूस से जारी युद्ध के बीच यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य मदद की सख्त जरूरत है और मिनरल्स डील इस सहायता को सुनिश्चित करने का एक तरीका हो सकता है।

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