
जयपुर। चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐतिहासिक घोषणा की है। उन्होंने राजस्थान का नक्शा पूरी तरह से बदल दिया है। सीएम गहलोत ने राजस्थान में 19 नए जिलों और तीन संभागों के गठन की घोषणा की है और उनके लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2 हजार करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं। राज्य में 2008 के बाद नए जिले बनाए जा रहे हैं। अब राज्य में जिलों की संख्या 50 हो गई है। गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में यह घोषणा की। नए जिले बनने की खुशी में विधानसभा में गूंजा नारा- हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, अशोक गहलोत जैसा हो…।
विधानसभा ने 2023-24 के बजट को भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। मुख्यमंत्री ने बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नए जिलों के गठन का अध्ययन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था और राज्य सरकार को इसकी रिपोर्ट मिल गई है। उन्होंने कहा- इस तरह राज्य में अब 19 नए जिले होंगे। उन्होंने कहा कि तीन नए संभाग बांसवाड़ा, पाली और सीकर में होंगे।
2 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित
उन्होंने नए जिलों और संभागों के वास्ते आधारभूत संरचना और मानव संसाधन विकास के लिए पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 2,000 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया। गहलोत ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है और कुछ स्थान अपने जिले के मुख्यालय से 100 किलोमीटर से अधिक दूर हैं। इसलिए लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा- छोटे जिलों से प्रभावी प्रशासन, प्रबंधन और कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण आसान हो जाता है। देश के विभिन्न राज्य नए जिले बनाने में आगे रहे हैं। इसलिए, राज्य के अंदर नए जिले बनाने की मांग की जा रही थी।
जयपुर और जोधपुर को 4 जिलों में बांटा
राजस्थान में वर्तमान में 33 जिले हैं और जयपुर राजधानी है। जयपुर और जोधपुर को चार जिलों में बांटा गया है- जयपुर उत्तर जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व और जोधपुर पश्चिम। इस प्रकार अब राज्य में कुल जिलों की संख्या 50 हो जाएगी। राज्य में घोषित 19 जिले नए जिले हैं- अनूपगढ़, जो गंगानगर का हिस्सा था; बालोतरा (बाड़मेर); ब्यावर (अजमेर); केकड़ी (अजमेर); डीग (भरतपुर); डीडवाना-कुचामन (नागौर); दूदू (जयपुर); गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर); जयपुर उत्तर; जयपुर दक्षिण; जोधपुर पूर्व; जोधपुर पश्चिम; कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर-अलवर); खैरथल (अलवर); नीम कथा (सीकर); फलोदी (जोधपुर); सलूंबर (उदयपुर); सांचौर (जालोर); और शाहपुरा (भीलवाड़ा)। जयपुर से चार जिले बनाए जाएंगे- जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली- बहरोड़। कोटपूतली वर्तमान में जयपुर का हिस्सा है जबकि बहरोड़ वर्तमान में अलवर में है।
नए जिले बनने की खुशी में विधानसभा में गूंजा नारा हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो अशोक गहलोत जैसा हो…✌🏻 pic.twitter.com/cNEp5mutFG
— Rajasthan Youth Congress (@Rajasthan_PYC) March 18, 2023
पूर्व में कई विधायकों ने मांग की थी कि उनके कस्बों को जिला बनाया जाए। कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने राज्य सरकार द्वारा बालोतरा को नया जिला घोषित किए जाने तक नंगे पैर चलने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने नए जिलों के गठन के फैसले का स्वागत किया है, जिसे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की रणनीति के हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं, भाजपा ने फैसले की वित्तीय व्यवहार्यता पर सवाल उठाए हैं। सीएम ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधा और कहा- प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ओपीएस का विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह बंद नहीं होगा और हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
नए जिलों और संभागों के गठन पर किसने क्या कहा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा- बढ़ती आबादी और बड़े क्षेत्र के कारण सरकार और आम जनता को नए जिलों की जरूरत महसूस हो रही थी। एक बड़ा कदम उठा कर कांग्रेस सरकार ने आज 19 नए जिले बनाए हैं। प्रगति की गति अब दोगुनी होगी।
50 जिलों का हुआ राजस्थान
बढ़ती जनसंख्या एवं बड़े क्षेत्रफल की वजह से सरकार व आमजन को नए जिलों की आवश्यकता महसूस हो रही थी। एक बड़ा कदम उठा कर कांग्रेस सरकार ने आज 19 नए जिले बनाए हैं। प्रगति की गति अब दोगुनी होगी।#बचत_राहत_बढ़त pic.twitter.com/tOFOO5aicK
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 17, 2023
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नए जिलों के गठन से विकास और विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा- सीकर में संभाग के गठन से शेखावाटी क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और आम आदमी को सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इससे कानून व्यवस्था भी मजबूत होगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा- मुझे उम्मीद है कि इससे राज्य के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार को जनमत के दबाव में यह फैसला लेना पड़ा। पूनिया ने कहा- झूठी घोषणाओं से राज्य के लोग गुमराह नहीं होंगे, क्योंकि राज्य का हर वर्ग महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पेपर लीक, बिगड़ती कानून व्यवस्था और किसानों की पूरी कर्जमाफी जैसे विभिन्न मुद्दों से परेशान है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा- नए जिले बनाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की गई है। जिससे जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा। राजे ने कहा- कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है। इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है। जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।