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Sonia Gandhi से आज फिर ED की पूछताछ, कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती

नेशनल हेराल्ड मामले में आज फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दूसरी बार पूछताछ करेगी। सोनिया गांधी से दूसरी बार होने जा रही पूछताछ का कांग्रेस विरोध कर रही है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष 11 बजे ED ऑफिस पूछताछ में शामिल होने के लिए जाएंगी। इससे पहले, 21 जुलाई को ED ने सोनिया से करीब 3 घंटे की पूछताछ की थी।

विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

कांग्रेस ने सोनिया गांधी से पूछताछ के विरोध में राजघाट पर धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। बता दें कि सोमवार को कांग्रेस कार्यालय में प्रदर्शन को लेकर सभी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों के साथ कांग्रेस हाईकमान ने इस पर स्ट्रैटजी बनाई थी।

21 जुलाई को 2 घंटे हुई पूछताछ

नेशनल हेराल्ड मामले में बीते 21 जुलाई को सोनिया गांधी से ईडी करीब दो घंटे पूछताछ कर चुकी है। बता दें कि बीते महीने जून में राहुल गांधी से करीब 50 घंटे तक पूछताछ चली थी। तब भी कांग्रेस ने लगातार 5 दिन प्रदर्शन किया था।

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क्या है नेशनल हेराल्ड केस ?

लगभग 10 साल पुराने इस केस की जड़ें आजादी से पहले निकले एक अखबार से जुड़ी हैं। जिसे जवाहर लाल नेहरू ने निकाला था। इस केस में करोड़ों रुपये की जायदाद पर मालिकाना हक का विवाद है।

कांग्रेस नेताओं पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप है।

क्या है नेशनल हेराल्ड ?

20 नवंबर 1937: देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।

    • AJL पर मालिकाना हक कभी भी प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का नहीं रहा। इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे।
    • 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।
    • 2010 में AJL के 1057 शेयरधारक थे। घाटा होने पर इसकी होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड यानी YIL को ट्रांसफर कर दी गई। यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना उसी वर्ष यानी 2010 में हुई थी।

यंग इंडिया लिमिटेड का हिस्सा कौन था ?

इसमें तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए। कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास रखी गई। शेष 24 फीसदी कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (दोनों का निधन हो चुका है) के पास थी।

क्या है विवाद ?

शेयर ट्रांसफर होते ही AJL के शेयर होल्डर्स सामने आ गए। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, इलाहाबाद व मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू सहित कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि जब YIL ने AJL का ‘अधिग्रहण’ किया था तब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। यही नहीं, शेयर ट्रांसफर करने से पहले शेयर होल्डर्स से सहमति भी नहीं ली गई। बता दें कि शांति भूषण और मार्कंडेय काटजू के पिता के नाम पर AJL में शेयर था।

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