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डिपोर्टेशन के मुद्दे पर संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही स्थगित, 100 से अधिक भारतीयों को कल किया गया था डिपोर्ट

नई दिल्ली। अमेरिका से 100 से अधिक भारतीय नागरिकों के डिपोर्ट किए जाने के मुद्दे पर संसद में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा की मांग करते हुए सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव देते हुए कहा कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और भारत सरकार को इस पर चुप नहीं रहना चाहिए। विपक्षी दलों के जोरदार विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा में हंगामा, सरकार पर निशाना

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन का मुद्दा उठाया। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए ‘सरकार शर्म करो’ के नारे लगाए। इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सरकार इस मामले से अवगत है और यह विदेश नीति का विषय है। हालांकि, विपक्ष ने सरकार से तुरंत जवाब देने की मांग की, जिसके चलते सदन में हंगामा और बढ़ गया।

कांग्रेस ने सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने स्थगन प्रस्ताव में कहा कि 100 से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने की घटना ने पूरे देश को हैरान कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है और भारत ने अमेरिका के इस कदम की निंदा क्यों नहीं की। टैगोर ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया और सरकार से इस पर ठोस प्रतिक्रिया की मांग की।

प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे विदेश नीति की विफलता बताया

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय नागरिकों को अपराधियों की तरह हथकड़ी पहनाकर डिपोर्ट किया गया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों की विफलता को दर्शाता है। ये लोग सिर्फ बेहतर जीवन और रोजगार की तलाश में वहां गए थे, लेकिन उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाना गलत है।”

मनीष तिवारी ने की गरिमामय व्यवहार की मांग

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। वे अपराधी नहीं हैं, फिर भी उन्हें हथकड़ी पहनाई गई, घंटों बेड़ियों में रखा गया और उन्हें हथकड़ी में ही खाना खाने के लिए मजबूर किया गया। अगर वे अवैध रूप से अमेरिका में घुसे थे और उन्हें वापस भेजा जा रहा है, तो भी उन्हें सम्मानजनक तरीके से वापस लाया जाना चाहिए था।”

पीएम मोदी शाम 4 बजे राज्यसभा में देंगे जवाब

इस पूरे विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4 बजे राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देंगे। इससे पहले 4 फरवरी को पीएम मोदी ने लोकसभा में जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने 1 घंटे 35 मिनट का भाषण दिया था। उस दौरान उन्होंने नाम लिए बिना गांधी परिवार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा था।

मोदी ने कहा था, “हम जहर की राजनीति नहीं करते, बल्कि देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं। इसलिए हमने सरदार पटेल का दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू बनवाया।”

बजट सत्र का शेड्यूल

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ है। इसका पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 14 अप्रैल तक निर्धारित है। इस सत्र में 16 विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिनमें से 12 बिल पहले ही 2024 के मानसून और शीतकालीन सत्र में पेश किए जा चुके हैं।

बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग के कारण संसद की कार्यवाही स्थगित रही थी। अब इस डिपोर्टेशन विवाद के चलते यह सत्र और अधिक गरमाने की संभावना है। विपक्ष सरकार से इस पर स्पष्ट जवाब की मांग कर रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि यह एक विदेशी नीति का मामला है और इस पर उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

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