
चंडीगढ़। कांग्रेस के सीनियर लीडर नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर क्रिकेट जगत में वापसी करने जा रहे हैं। वह IPL 2024 का 17वां सीजन, जो की 22 मार्च से चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच चेन्नई में शुरू होगा उसमें कमेंट्री करेंगे। इस बात की जानकारी खुद स्टार स्पोर्ट्स ने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट शेयर कर दी है। जिसमें उन्होंने एक खास कैप्शन भी लिखा – “सरदार ऑफ कॉमेंट्री बॉक्स इज बैक”।
A wise man once said, "Hope is the biggest ‘tope’"
And this wise man, the great @sherryontopp himself, has joined our Incredible StarCast! 👏
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— Star Sports (@StarSportsIndia) March 19, 2024
6 साल बाद कमेंट्री में वापसी
1999 में क्रिकेट का सफर खत्म होने के बाद उन्होंने कमेंट्री में हाथ आजमाया। सिद्धू ने आखिरी बार IPL 2018 में कमेंट्री की थी। पंजाब सरकार में मंत्री बनने के बाद वह कमेंट्री पैनल से बाहर हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने सारे टीवी शो भी छोड़ दिए थे। जिसमें कपिल शर्मा का शो कॉमिडी नाइट्स विद कपिल भी शामिल है। जिसके 6 साल बाद अब वे IPL 2024 से वापसी कर रहे हैं।
17 साल बाद लिया था क्रिकेट से संन्यास
नवजोत सिंह सिद्धू के पिता सरदार भगवंत सिंह क्रिकेटर थे। वह चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह एक खिलाड़ी बने। अपने पिता की इस इच्छा को पूरी करने के लिए सिद्धू क्रिकेट में आए। 1983 से 1999 तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे। सिद्धू ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 51 टेस्ट मैच और 136 वनडे मैच खेले। फिर उन्होंने साल 1999 में उन्होंने संन्यास ले लिया।
लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे सिद्धू
सिद्धू ने शुक्रवार यानी 15 मार्च को पंजाब के राज्यपाल बीएल पुरोहित से मिलने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा था कि वे इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया था कि क्रिकेट की कमेंट्री छोड़ने की वजह से उन्हें फाइनेंशियल नुकसान हो रहा है।
सिद्धू का राजनीतिक करियर
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने 2004 में भाजपा जॉइन की थी। वह अमृतसर से सांसद चुने गए। 2014 तक वह इस सीट से लोकसभा के सांसद रहे। 2016 में उन्होंने राज्यसभा भेज दिया गया, लेकिन उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया। 2017 में वह कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद वह अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। तब कैप्टन सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनका मंत्रालय बदला तो उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। फिर सिद्धू ने पॉलिटिक्स से दूरी बना ली। फिर कांग्रेस हाईकमान ने अचानक उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बना दिया। 2022 के चुनाव में कांग्रेस हारकर सत्ता से बाहर हो गई और सिद्धू भी अमृतसर ईस्ट सीट हार गए। इसके बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद से भी हटा दिया गया।
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