
मध्य प्रदेश में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके अटैक से रीवा जिले में 13 दिनों के अंदर 2200 सूअरों की मौत हो गई है। वायरस को तेजी से फैलते देख जिला प्रशासन ने पशु चिकित्सा विभाग के साथ बैठक कर संक्रमित सूअरों को वैक्सीन लगाकर मारने के आदेश दिए हैं।
सूअर मालिकों को मिलेगा मुआवजा
सूअर पालकों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए विभाग ने मुआवजे का ऐलान किया है। जानकारी के अनुसार सूअर मालिकों को 100 रुपए से लेकर 150 रुपए किलो वजन के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही सूअर पालकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए भी शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
रीवा में हैं 15 हजार सूअर
रीवा जिले के शहरी क्षेत्र में ही सूअरों में वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। एक सर्वे के अनुसार रीवा शहर में 15 हजार सूअर हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के सूअरों को मिलाकर 30 हजार तक संख्या पहुंच जाती है। जानकारों के अनुसार अभी संक्रमण सिर्फ 300 से 500 सूअरों में फैला है, जिनको वैक्सीन लगाकर मारा जा रहा है। सूत्रों की माने तो हाल ही के कुछ दिनों में वार्ड-15 में 300 सूअरों को मारने के आदेश दिए गए हैं। मंगलवार को 12 सूअरों को मारा गया है। चिह्नित सूअरों की बस्ती में घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर वाले सूअरों में तेज बुखार, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यदि संक्रमित सूअरों को नष्ट नहीं किया गया तो सभी सूअर वायरस के शिकार हो जाएंगे।
शहर का वार्ड-15 बना हॉटस्पॉट
रीवा का वार्ड-15 अफ्रीकन स्वाइन फीवर का हॉटस्पॉट बना हुआ है। रतहरा बंसल बस्ती के 90 फीसदी सूअर वायरस की चपेट में हैं। इसे रेड जोन बनाकर एक किमी के दायरे में सभी सूअरों की जांच की जा रही है। शहर का वार्ड-15 डेंजर जोन में है, जबकि वार्ड-14, वार्ड-25 और वार्ड-26 के 90 से 95 फीसदी सूअर संक्रमित हैं। 41 वार्डों के सूअरों का सैंपल दूसरे चरण में लिया जाएगा।
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सूअर पालकों के अनुसार रीवा शहर के धोबिया टंकी, बिछिया नदी, नारायण चक्की, पांडेन टोला में भी बड़ी संख्या में सूअरों की मौत हुई है। वार्ड – 16, 21, 23, 30, 31, 32, 44 और 45 में भी सूअरों की मौत के मामले सामने आए हैं। नगर निगम द्वारा अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरने वाले सूअरों को उठाने के लिए 8 वाहन रिजर्व किए गए हैं।
असम व नागालैंड के बाद मप्र में कहर
गौरतलब है कि यह वायरस असम, नागालैंड, उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश के रीवा में कहर बरपा रहा है। उत्तराखंड में भी वायरस फैलने की बात कही जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि बड़ी संख्या में सूअरों की मौत होने के बाद वार्ड क्रमांक-15 से 11 सूअरों के सैंपल 14 अगस्त को कलेक्ट किए गए, जिन्हें 15 अगस्त को जांच के लिए भोपाल भेजा गया था। 17 और 18 अगस्त को भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 19 अगस्त को जानलेवा अफ्रीकन स्वाइन फीवर नाम के वायरस की पुष्टि हुई।