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मुख्य सचिव को 72 दिन से सरकारी आवास का इंतजार

जिस बंगले को देने की तैयारी, उसे बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव छोड़ने को तैयार नहीं

भोपाल। प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को 72 दिन से सरकारी आवास का इंतजार है। उन्होंने 3 अक्टूबर को पदभार संभाला था। जैन को वर्तमान में सुशासन संस्थान के गेस्ट हाउस में रहना पड़ रहा है। दरअसल उन्हें जिस बंगले को देने की तैयारी है, उसे बुधनी के विधायक रमाकांत भार्गव छोड़ना नहीं चाहते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को चार इमली और 74 बंगले में सरकारी आवास के लिए गृह विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार उन्हें 74 बंगले में बी-4 देने के लिए फाइल चली थी।

अब भार्गव विधायक हैं…

उप चुनाव में बुधनी से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए रमाकांत भार्गव विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। इससे उन्होंने एक बार फिर बी-4 को लेने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है। इससे मुख्य सचिव को इस बंगले के मिलने में फिर पेंच फंस गया है।

पढ़िए 74 बंगले बी-4 के आवंटन की दिलचस्प कहानी

शुरुआत: इस आवास की दिलचस्प कहानी है। यह बंगला विदिशा से सांसद रहे रमाकांत भार्गव के नाम पर आवंटित था। लोकसभा चुनाव के दौरान भार्गव की जगह शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया। सांसद नहीं रहने पर राज्य शासन ने भार्गव से उनका बंगला मांगा और इसे बाद में कांग्रेस से भाजपा में आए फिर वन मंत्री बने राम निवास रावत के लिए आवंटित कर दिया गया।

रामनिवास रावत, भार्गव के बीच उलझा आवास

जानकारी के अनुसार राम निवास रावत जब वन मंत्री बने तब उन्हें बी-4 बंगला आवंटित कर दिया गया था, लेकिन तब पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। इससे फाइल फिर उलझ गई।

फिर उपचुनाव आ गए

लिहाजा बंगले को मुख्य सचिव अनुराग जैन के नाम पर आवंटित करने की फाइल चली। सीएस के लिए बंगला तैयार हो पाता, कि इसके पहले विजयपुर और बुधनी विधानसभा के लिए उप चुनाव की घोषणा हो गई और बंगला आवंटन का मामला अटक गया।

सीएम से आग्रह किया है सांसद के तौर पर मुझे जो बंगला आवंटित हुआ था, उसे अब विधायक के नाते अपने पास रखना चाहता हूं। मैंने मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया है कि बी-4 उनके पास ही रहे। -रमाकांत भार्गव, विधायक, बुधनी

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