
मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में रविवार को महाविकास अघाड़ी (MVA) द्वारा सरकार के खिलाफ “जूते मारो आंदोलन” किया जा रहा है। इस आंदोलन को ‘जूते मारो’ आंदोलन नाम दिया गया है। एमवीए ने हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकाला है। प्रोटेस्ट के लिए लोग चप्पल लेकर सड़कों पर निकले थे।
इस प्रोटेस्ट में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे, संजय राउत, सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले, शरद पवार सहित MVA की तीनों पार्टियों के कई नेता शामिल हुए हैं।
आंदोलन को दिया ‘जूते मारो’ नाम
महाविकास अघाड़ी ने इस आंदोलन का नाम ‘जूते मारो’ आंदोलन रखा है। हुतात्मा चौक पर कार्यकर्ताओं का जमा होना शुरू हो गया। पुलिस ने पुख्ता बंदोबस्त किए है। मौके पर चप्पल भी आ गई है। मार्च के दौरान सरकार के पुतले को चप्पल मारी जाएगी। कार्यकर्ताओं के हाथों में चप्पलें हैं।
महाराष्ट्र पुलिस की योजना महाविकास अघाड़ी के मार्च को गेटवे तक नहीं जाने देने की है। पुलिस मार्च को बीच में ही रोकने की तैयारी में है। नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई करेगी।
CM शिंदे बोले- महाराष्ट्र की जनता समझदार है
शिवाजी महाराज हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकते। यह हमारे लिए पहचान और आस्था का मामला है। जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण थी। विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है। कर्नाटक में शिवाजी महाराज की मूर्ति तोड़ने के लिए दो जेसीबी लाई गई थी। उस मूर्ति को उखाड़ दिया गया था। ऐसा करने वालों की पिटाई होनी चाहिए थी। ऐसा करने के बजाय MVA यहां विरोध कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता समझदार है। आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की जनता उन्हें जूतों से पीटेगी।
ये राजनीतिक आंदोलन है – फडणवीस
उधर, एमवीए के प्रदर्शन पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”ये जो आज आंदोलन हो रहा है यह पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन है। यह एमवीए कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं किया। पंडित नेहरू और इंदिरा जी का एक भी भाषण दिखाइए जिसमें उन्होंने शिवाजी महाराज का जिक्र किया हो…
गेटवे ऑफ इंडिया पर्यटकों के लिए किया बंद
महाविकास अघाड़ी के आंदोलन को देखते हुए अगले आदेश तक सुबह 10 बजे से गेटवे ऑफ इंडिया पर्यटकों के लिए बंद रखा गया है। MVA के नेता गेट ऑफ इंडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन को देखते हुए गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास काफी संख्या पुलिस बल को तैनात किया गया है। हुतात्मा चौक पर आंदोलन के मद्देनजर मुंबई पुलिस, स्टेट रिजर्व पुलिस, दंगा नियंत्रण दस्ता, महाराष्ट्र सुरक्षा बल, निगरानी वैन नियंत्रण पुलिस, एटीएस, यातायात पुलिस को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।
26 अगस्त को गिर गई शिवाजी की मूर्ति
छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को अचानक गिर गई थी। पीएम मोदी ने 8 महीने पहले 4 दिसंबर को शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण किया था। शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद महाराष्ट्र में इसको लेकर सियासी बवाल छिड़ गया। सियासी बवाल के बाद सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार के बाद पीएम मोदी ने भी माफी मांगी थी।
PM मोदी बोले- मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के तटीय सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर भारत के इस वीर सपूत के साथ ही, इस घटना से आहत लोगों से भी 30 अगस्त को माफी मांगी। महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपए की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज… मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘‘हमारे संस्कार अलग हैं। हम वह लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं।” उन्होंने कहा कि वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं और ना ही उनको कोई पश्चाताप होता है।
क्या है पालघर का वधावन बंदरगाह प्रोजेक्ट ?
पालघर में पीएम मोदी ने सिडको ग्राउंड में 76 हजार करोड़ के कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इसमें वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट भी शामिल है। बता दें कि पालघर जिले के दहानू शहर के पास स्थित वधावन बंदरगाह भारत के सबसे बड़े गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक है। यह अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे पारगमन समय और लागत कम होगी। एक बार चालू होने के बाद, यह बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लगभग 360 करोड़ रुपए की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली के नेशनल रोल आउट की शुरुआत भी की। इस परियोजना के तहत, 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मशीनीकृत और मोटर चालित मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चरणबद्ध तरीके से एक लाख ट्रांसपोंडर लगाए जाएंगे।
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